-ग्लोबलबिहारी ब्यूरो
सासाराम: अविरल गंगाजल साक्षरता सद्भावना यात्रा नदी पुनर्जीवन के लिए समाज को जागृत करने के भाव में सासाराम के जंगल स्थित गोर्रिया गांव में काब नदी के उद्गम स्थल पर दिनांक 14.12.2019 को पहुंची। वहां पर वन विभाग के प्रदुम्न गौरव, अमेरिका इथन, जल के जानकार पंकज मालवीय, जयराज मिश्र, अनिल यादव, सरकारी अधिकारी एवं स्थानीय आदिवासी महिला पुरुषों की 200 लोगो की सभा उपस्थित थीं। इस सभा में जंगल, जंगली जानवर व जंगल वासी सब एक साथ केसे जीवित एवं समृद्ध रह सकें इस पर गंभीर चर्चा हुई और तदोपरांत मुख्यत चार निम्नलिखित प्रस्ताव पारित हुए:
प्रस्ताव 1 गोर्रिया गांव की महिला आरती ने रखा कि बच्चे, महिला व पुरुष जंगल बचाएंगे तो हमारा जीवन पानी आयेगा। और यह काम हम सब मिलकर करेंगे। इस प्रस्ताव पर सभा में उपस्थित जन समूह ने तालियां बजाकर सर्व सम्मति से पारित किया।
प्रस्ताव 2 भोला सिंह ने रखा ओर कहा कि हमारे जंगलो को बाहर से आकर लोग काटते है, इन जंगलों को बचाना हम सब की जिम्मेदारी है। आज से ही हम आपसी भेदभाव भूलकर मिलकर काम करें तो यह कार्य हो सकता है। सभा में उपस्थित जन समूह ने अपने दोनो हाथ खड़े कर प्रस्ताव का समर्थन किया और प्रस्ताव पारित हुआ।
प्रस्ताव 3:- गोर्रिया गांव के स्वामी जी ने प्रस्ताव रखते हुए कहा कि जल, जंगल, जमीन सब भगवान के है, और आज भगवान पर संकट आया हुआ है। इन सब को बचना हम सब की जिम्मदरी है। इस संकट से बचने के लिए सब मिल कर काम करे। यह भी हर्ष ध्वनि से पारित हुआ।
प्रस्ताव 4:- आज से हम अपने गांव में जल, जंगल, जमीन का जो आपस में रिश्ता है, इस को हम पूरे समाज में समझने का काम करेंगे। इस महत्वपूर्ण कार्य में हमारे स्कूल के बच्चे दूसरे गांवों के स्कूलों में जाकर रैली, नुकड़ नाटक के माध्यम से प्रचारित प्रसारित करेंगे। यह प्रस्ताव भी सर्व सम्मति से पास हुआ।
इस मौके पर सभा में उपस्थित जयराज ने कहा कि हम सब काब नदी को पुनर्जीवित करने के लिए, इस नदी के दोनों तरफ बसे गांवों के लोगों को जोड़ने का काम करेंगे। साथ ही युवाओं को साथ लेकर नदी साक्षरता का काम किया जायेगा।
दूसरे देश से आए इथन ने भी अपनी बात रखते हुए कहा कि यहां के आदिवासियों का जल जंगल जमीन के प्रति प्रेम देखकर में बहुत प्रभावित हुआ हूं। मैं अपने देश में भी इस प्रकार का कार्य वहां के स्थानीय लोगों के साथ मिलकर चलाऊंगा। साथ ही अपने यहां के अनुभवों को भी वहां जा कर बताऊंगा।
जिला वन अधिकारी प्रदुम्न गौरव ने कहा कि इस सभा ने एक बहुत बड़ा काम यह किया है कि जो सरकारी अधिकारियों का स्थानीय लोगो से जो संवाद टूटा गया था वो आज पुनः जुड़ गया है। अब सब स्थानीय लोगो के साथ मिलकर जल जंगल जमीन को बचाने का काम करेंगे।
इस मौके पर पंकज मालवीय ने कहा कि बस अब उनका एक ही काम है और वो है सम्पूर्ण बिहार को जल जंगल के प्रति जागृत करना। इस लिए सम्पूर्ण बिहार में जल जंगल साक्षरता यात्राओं का आयोजन किया जायेगा।
सभा के अंत में पर्यावरणविद जल पुरुष राजेन्द्र सिंह ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों का जनहित में उपयोग होना चाहिए। संसाधनों का इस प्रकार से प्रबन्धन होना चाहिए कि आने वाली पीढ़ी भी समृद्ध रहे। जिस प्रकार से आज प्राकृतिक संसाधनों का दोहन विकास के नाम पर चल रहा है वह काफी गंभीर परिणाम देगा। जिस प्रकार से जल का दोहन हो रहा है अगर समाज और व्यवस्थाएं चलाने वाली संस्थाएं नहीं चेती तो भारत बे पानी हो जाएगा। अतएव प्रबन्धन और उपयोग के साथ ही नई तकनीक और परम्परागत पुरातन व्यवस्था में समन्वय हो। इस के बाद यात्रा सभा स्थल से सासाराम से बोधगया के लिए रवाना हुई।