ताशकंद
संस्मरण
– डॉ. राजेंद्र सिंह*
पर्यटक राष्ट्र बनने की चाह में उज्बेकिस्तान
उज्बेकिस्तान एशिया के केन्द्रीय भाग में स्थित है, जो चारों ओर से जमीन से घिरा हुआ है। इसकी समुद्र तल से भी कोई पहुँच नहीं है। इसके उत्तर में कजाखिस्तान, पूरब में ताजिकिस्तान, दक्षिण में तुर्कमेनिस्तान और अफगानिस्तान स्थित है। इसका क्षेत्रफल 172,700 वर्ग मील है। इसकी राजधानी ताशकंद है। यहाँ मानववास ईसा के 2000 साल पहले से है। यह 1991 तक सोवियत संघ का एक घटक था।
इस देश के पास पर्याप्त मात्रा में कृषि योग्य भूमि है लेकिन पानी की भारी कमी के कारण कृषि कम ही होती है। एक मात्र राहत डेल्टा है जहाँ अमू-दरिया नदी अरल सागर के अवशेषों में खाली हो जाती है। हालांकि पूर्व में उज्बेकिस्तान अपने पड़ोसियों के पहाड़ों की ओर झुकता है। यहीं से देश की जीवनदायिनी नदियाँ उफनती है।
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इस देश में नदियाँ बहुत है। ये अभी शुद्ध-सदानीरा है। यहाँ पर्यावरण का इतना अधिक बिगाड़ नहीं है। यह देश अभी भी संरक्षणवादी है। यहाँ प्रकृति और नदियाँ अभी उतनी ही शोषित हैं जितनी विकासशील दूसरे देशों की नदियाँ शोषित हुई है। इस देश में पलायन तो है, परंतु विस्थापन नहीं है। इस देश के लोग अपना देश छोड़ने के बहुत इच्छुक नहीं है। यहाँ बाढ़ तो है परंतु सुखाड़ की गर्मी दक्षिण भाग में कभी-कभी होती है। इस देश को पानीदार बने रहने हेतु जल संरक्षण काम करना ही होगा। जल दक्षता बढ़ाने व जल साक्षरता की अत्यंत आवश्यकता है। अच्छी बात है कि फसल चक्र इन्होंने वर्षा चक्र के साथ जोड़कर रखा है।
मेरी यात्रा के आयोजकों ने अपनी बैठकों में बार-बार कहा हम पर्यटन से समृद्ध बनेंगे। पर्यटन और समृद्धि साथ-साथ बढे़गी।
यह एशिया का प्राकृतिक समृद्ध राष्ट्र है। यहाँ पाँच भू-सांस्कृतिक क्षेत्र है। सभी में समृद्ध है।यह देश प्राकृतिक संसाधनों से अपने आपको चला सकता है। खेती में कपास का यहाँ बड़ा उत्पादन है। यहाँ तीर्थ परम्परा नहीं है। पर्यटन बढ़ाना इनकी बड़ी योजना है।
उज्बेकिस्तान दुनिया का सबसे दूसरा सबसे बड़ा कपास निर्यातक देश है। सोने का भी पर्याप्त भंडार है। प्राकृतिक संसाधनों में प्राकृतिक गैस, पेट्रोलियम, कोयला, सोना, यूरेनियम, चांदी, तांबा, सीसा और जस्ता प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। उज्बेकिस्तान में एक महाद्वीप जलवायु है। यहाँ आमतौर पर दक्षिण में सबसे गर्म और उत्तर में सबसे ठंडा होता है। इसका सम्पूर्ण भौगोलिक क्षेत्र समतल, रेगिस्तानी व स्थलाकृति जमींन के अंतर्गत आता है।
सोवियत संघ की एक इकाई रूप में भी यह एक सशक्त राष्ट्र था। अभी भी ये अच्छे राष्ट्र के रूप में अपने आप को विकसित करने में जुटा है।
*लेखक जलपुरुष के नाम से विख्यात जल संरक्षक हैं। प्रकाशित लेख उनके निजी विचार हैं।