– संगीता*
कोविड-19 महामारी की स्थिति मे दिव्यांगजन को डिजिटल रूप से शिक्षा देना एक चुनौती के समान था क्योंकि हमारे दिव्यांगजन व्यक्तियों और उनके परिवारवाले वाले और साथ ही मनोविकास संस्था से जुड़े सभी शिक्षकों एवं केयरगिवर, वर्चुअल प्लेटफार्म के इस्तेमाल मे पूरी तरह से स्वतंत्र नहीं थे। ऐसी स्थिति में जब हमने गत वर्ष 2020 में मनोविकास चैरिटेबल सोसाइटी, के अंतर्गत मनोविकास ई-ज्ञानशाला का गठन किया तो इन सभी लोगों को इन चुनौतियों से राहत मिली.
दरअसल मनोविकास चैरिटेबल सोसाइटी पूर्वी दिल्ली में स्थित एक गैर सरकारी संस्था है जो स्वपरायणता, प्रमस्तिष्क घात मानसिक, मंदता तथा बहु निशक्तता ग्रस्त व्यक्तियों के लिए काम कर रही है और राष्ट्रीय न्यास (नेशनल ट्रस्ट), में पिछले 15 वर्षो से पंजीकृत है।यह संस्था विगत 20 वर्षो से बौद्धिक एवं विकासात्मक दिव्यांगजन व्यक्तियों की शिक्षा ,केयर एवं एडवोकेसी के लिए काम करती आ रही है।सोसाइटी ने मनोविकास ई-ज्ञानशाला, जो एक यूनिवर्सल डिज़ाइन इ लर्निंग प्लेटफार्म है, की शुरुआत राष्ट्रीय न्यास के सहयोग एवं विचार से किया था।
हालांकि शुरुआती दौर मे दिव्यांग बच्चे को कंप्यूटर के सामने बैठने मे परेशानी हो रही थी लेकिन परिवार के सभी सदस्यों के सहयोग से इस मुश्किल घड़ी मे काफी सहायता मिली और आज कोविड 19 के दूसरे दौर की आगमन 2021 मे लगभग 300 दिव्यांग बच्चे दिल्ली एवं अन्य राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, ओड़िसा, केरल, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, आँध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, झारखंड ,छत्तीसगढ़ ,पंजाब ,हरियाणा बिहार से जुड़े हुए हैं। संस्था का यह प्रयास और लोगों तक पहुंचा आज कई ऐसे व्यक्तियों के सपने को साकार किया है जिसके अंदर यह संभावना थी कि दिव्यांग बच्चे के लिए यह एक चुनौती है। आज वे इसका लाभ उठा रहे हैं और घर बैठे ही ई-ज्ञानशाला द्वारा शिक्षा, कौशल प्रशिक्षण, केयर संबंधी सलाह का उपयोग कर रहे हैं। राष्ट्रीय न्यास भी (दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग ) दिव्यांग व्यक्तियों को ई-ज्ञानशाला तक जोड़ने मे हमारी मदद करता आ रहा है।
इसके अलावा ई-ज्ञानशाला ने संस्था से सम्बंधित विशेष शिक्षकों की टीम को भी तकनीकी रूप से उपलब्धि हासिल करने मे मदद की है क्योंकि टीम घर बैठे दूर दराज़ के दिव्यांग बच्चों को अपनी सहायता दे रहा है। इन शिक्षकों को देख उनके मन मे एक ख़ुशी मिलती है और उन्हें विद्यालय सा माहौल जान पड़ता है।
मनोविकास संस्था नियमित रूप से दिव्यांग व्यक्तियों के मनोरंजन, ख़ुशी, उमंग के लिए मनभावन कार्यक्रम की सहायता देता आ रहा है । मनभावन वर्चुअल सोशल मीडिया पर प्रसारित जॉयफुल लर्निंग गतिविधियां हैं, जो अलग अलग कौशल से जुड़ी हैं जैसे नृत्य ,संगीत ,पेंटिंग ,आदि द्वारा व्यक्तियों के उत्साह को बढ़ता है आज मनभावन 72 एपिसोड द्वारा 25 हज़ार दर्शकों तक पहुँच चुका है।
इसके अलावा संस्था द्वारा मशवरा कार्यक्रम प्रोफेशनल सलाह एवं परामर्श के लिए वर्चुअल माध्यम द्वारा प्रसारित की जाती है, जिसमें मानसिक स्वास्थ्य, सरल तनाव संबंधी प्रबंधन, शारीरिक स्वास्थ्य एवं सफाई, दिव्यांगजन संबंधी कल्याण एवं सुविधा आदि से सम्बंधित बातें एक्सपर्ट द्वारा बतायी की जाती हैं । मूलतः इस कोविड महामारी के दूसरी लहर तक आज काफी सफलतापूर्वक तकनीकी के क्षेत्र मे दिव्यांगों को काफी हद तक सहायता प्रदान करने मे मनोविकास सक्षम होता आ रहा है। और वैसे देखा जाये तो भारत देश की आत्मनिर्भरता संकल्पना को सफल बनाने मे कदम बढ़ाना शुरू कर दिया है।
*लेखिका स्पेशल एडुकेटर हैं और मनोविकास चैरिटेबल सोसाइटी की प्रोजेक्ट ऑफिसर, एडवोकेसी, हैं।