अंतराष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण दिवस
– प्रशांत सिन्हा
दुनिया में साल दर साल प्राकृतिक आपदाओं के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं। इसे रोकने के लिए लोगों में जागरूकता लाना जरुरी है। इन्हीं बातों को लेकर जागरूक करने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा द्वारा 13 अक्टूबर को अंतराष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। वर्ष 1989 से अक्टूबर माह के द्वितीय बुधवार को अंतराष्ट्रीय प्राकृतिक आपदा न्यूनीकरण दिवस के रूप मे मनाया जाता था। 21 दिसंबर 2009 में संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा ने इसका नाम बदल कर अंतराष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण कर दिया। यह एक ऐसा दिन है जहां लोग आपदा न्यूनीकरण के महत्व को समझते हुए आपदा के संबंध में अपनी जागरूकता बढ़ाते हैं।
आपदा जोखिम कम करने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ के यू एन आई एस डी आर का मुख्यालय स्विट्जरलैंड के जेनेवा शहर मे है तथा विश्व के सभी प्रमुख शहरों में इसका कार्यालय है। इसका मुख्य उद्देश्य है आपदा जोखिम को कम करना और सुरक्षित समुदाय बनाना, खतरों के जोखिम को कम करना, भूमि और पर्यावरण संसाधनों का उचित प्रबंधन, आपदाओं से निपटने के लिए समुदाय विशेष की तैयारी मे सुधार करना और ऐसे सभी विनाशकारी घटनाओं के लिए पूर्व चेतावनी जारी करना आपदा जोखिम न्यूनीकरण प्रयोजन का केंद्र बिंदु है।
यह दिन जोखिम जागरूकता और आपदा मे कमी की वैश्विक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है और साथ ही इसे दुनिया भर के लोग और समुदाय आपदाओं के जोखिम को किस प्रकार कम कर रहे हैं और अपने सामने आने वाले खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाने वालों को चिन्हित करने के लिए भी मनाया जाता है।
2020 का अंतराष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण दिवस का समग्र शासन से संबंधित था । बचाए गए जीवन से आपदा जोखिम शासन को माप सकते हैं। आपदा प्रभावित लोगों की संख्या की कमी और आर्थिक नुकसान को कम कर सकते हैं। कोविड 19 और जलवायु आपातकाल बता रहे हैं कि जनता की भलाई के लिए वैज्ञानिक को प्रमाणों पर काम करने वाली एक स्पष्ट दृष्टि योजना और सक्षम संस्थाओं की आवश्यकता है।
वर्ष 2020 मे इस दिवस का थीम डिजास्टर रिस्क गवर्नेंस था। 2019 में ” बुनियादी ढांचे और आपदा सेवाओं के विघटन से आपदा क्षति को कम करना ” था। 2021 में है ” विकासशील देशों के लिए उनके आपदा जोखिम और आपदा नुकसान को कम करने के लिए अंतराष्ट्रीय सहयोग “।
अंतराष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस के दिन लोगों को आपदा से होने वाली जोखिम को कम करने की जानकारी दी जाती है । आपदा पूर्व की सुनियोजित तैयारी कैसे की जाती है जिससे आपदाओं से होने वाली क्षति कम हो। जोखिम जानकारी युक्त कार्यक्रमों द्वारा ऐसी प्रणालियों को मजबूत करने के लिए भी कार्य करता है जिससे किसी भी आपदा के बाद बच्चों और उनके परिवारों की स्थिती सामान्य होने मे सहायता मिल सके। ग्रामीण और शहरी समुदायों को आपदा से सुरक्षित करने की कोशिश की जा रही है। प्राकृतिक आपदाएं कई लोगों को अस्थाई आश्रयों मे विस्थापित करती है जहां उन्हें जीवन रक्षक बहुआयामी सहायता की सख्त जरुरत होती है।
13 अक्टूबर को अंतराष्ट्रीय आपदा दिवस के अवसर पर लोग आगे आए और आपदाओं के प्रति अपने को जागरूक बनाएं और हमारी धरती को सुरक्षित एवं आपदा मुक्त बनाने में सहयोग दें।