वाराणसी: ज्ञान वापी मस्जिद प्रकरण को साल होने को आया है जिस पर ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य ने एक संदेश जारी करते हुए रोष जताया कि इतना समय गुज़र जाने के बावजूद आदि विशेश्वर के पूजन, राग भोग की व्यवस्था सुनिश्चित नही की जा सकी है।
आज एक वर्ष से अधिक समय व्यतीत होने पर भी आदि विशेश्वर की पूजा व्यस्था प्रारम्भ नहीं हो पाने पर शंकराचार्य ने कहा कि आदि विशेश्वर के पूजन हेतु न्यायालय में लंबित केस को इस न्यायालय से उस न्यायालय इस तारीख से उस तारीख पर टाला जा रहा है “जिससे हमारे सहित 100 करोड़ से अधिक सनातनधर्मी अत्यंत मर्माहत व व्यथित हैं”।
उन्होंने पूछा जब किसी बच्चे, व्यक्ति महिला का मुकदमा चलता है तो उसे भूखा नही रखा जाता तो क्यों आदि विशेश्वर को भोग राग पूजन इत्यादि से वंचित रखा जा रहा है? उन्होंने मांग की कि जल्दी ही न्यायालय को 100 करोड़ से अधिक सनातनधर्मियों के भावनाओं को ध्यान में रखकर प्रकट आदि विश्वेश्वर केस में उचित निर्णय लेना चाहिए।
उन्होंने 11 लाख से अधिक संख्या में जिन जिन सनातनधर्मियों ने आदि विशेश्वर से की अब तक प्रतीक पूजा की है, उन सभी से एक एक शिवलिंग काशी आकर देने की अपील किया और कहा कि उन 11 लाख शिवलिंगों को काशी स्थापित कर उनकी प्रतीक पूजा की जायेगी। उन्होंने दुःख जताया कि देश में लोग अपने देवी देवताओं का प्रसन्नता के साथ पूजा अर्चन नही कर पा रहे हैं।
ज्ञातव्य है कि पिछले वर्ष काशी में आदि विशेश्वर के प्रकट होने पर ब्रम्हलीन द्वयपीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य के आदेश पर वर्तमान ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती आदि विशेश्वर शिवलिंग की पूजा करने जा रहे थे।उस समय प्रशासन ने उन्हें रोक दिया था।जिससे क्षुब्ध होकर स्वामिश्री: काशी स्थित श्रीविद्यामठ में 108 घण्टे तक निर्जल तपस्या पर बैठ गए थे। उनका स्वास्थ जब अत्यधिक बिगड़ने लगा तो और इसकी जानकारी ब्रम्हलीन शंकराचार्य स्वरूपानंद को हुई तो उन्होंने वर्तमान शंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती को आदेश दिया कि तुम अपनी तपस्या समाप्त करो और प्रकट हुए आदि विशेश्वर की प्रतीक पूजा करो।अकाट्य गुरु आज्ञा को मानकर वर्तमान ज्योतिष्पीठाधीश्वर ने अपनी तपस्या समाप्त कर दिया और लोगों से उनके नजदीक स्थित शिवलिंग पर आदि विशेश्वर की प्रतीक पूजा करने की अपील की। शंकराचार्य के मीडिया प्रभारी संजय पांडेय ने आज बताया कि इसके बाद पूरे देश मे 11 लाख से अधिक सनातनधर्मियों ने प्रतीक पूजा की।और सम्बंधित छायाचित्र व चलचित्र शंकराचार्य के पास भेजा था।
– ग्लोबल बिहारी ब्यूरो