जमुना कालिंद पर्वत से निकलने के कारण कालिंदी कहलाई। यम की बहन यमी, यमुना। जम की बहन जमना, जमुना, जुमना।
जमुना की धाराओं को वसुधारा, सप्तधारा, सहस्त्रधारा, गुप्तधारा, गिरिजा नाम से भी जाना जाता है। यह भी कहा जाता है कि पहले यमुना घग्गर की सहायक नदी थी। इसे वैदिक सरस्वती के नाम से जाना जाता था। इसे सप्त सिन्धु सात झरने, स्रोत भी कहते थे। एक बड़ी प्राकृतिक घटना (टेक्टोनिक) में यमुना ने रास्ता बदला और यह गंगा की सहायक नदी बन गई। आज गंगा यमुना का व्यापक, विशाल क्षेत्र है।
यमुना के बारे में ऋग्वेद, अथर्ववेद, ब्राह्ममणस, अत्रेय ब्राह्ममण, शतपथ ब्राह्ममण में भी चर्चा मिलती है। राजा सिकन्दर के साथी सेल्यूकस एवं ग्रीक यात्री मेगस्थनीज ने भी यमुना की चर्चा अपने लेखन में की है। तुगलक ने नहरे-बहिस्त (स्वर्ग की नहर) यमुना से निकाली, मुगलों ने इसकी मरम्मत की और इसे बेनवास से शाहजहांनाबाद तक बढ़ाया।
जमुना के क्षेत्र में हाथी भी पाए जाते हैं। शिवालिक पहाड़ियों पर साल, खैर, चीड़, रोजवुड के वृक्ष, वन पाए जाते हैं।
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इसका पानी नीला, श्यामल है जो काला दिखता है। माना जाता है कि यमुना के पिता तेजस्वी सूर्य भगवान तथा माता विश्वकर्मा की पुत्री संजना है। यमुना सूर्यवंशी है। इसका भाई यम मौत का देवता है।
यम और यमुना दोनों भाई-बहन में अगाध, प्रगाढ़ प्रेम रहा। दोनों भाई-बहन की याद में ही भैया दूज का पर्व, त्यौहार, उत्सव मनाया जाता है। इसे यम द्वितीया भी कहा जाता है। इस दिन यमुना एवं यम की विशेष पूजा अर्चना की जाती है।
जमुना का श्री कृष्ण, मथुरा, वृंदावन, बरसाना से भी गहरा रिश्ता रहा है। कृष्ण का बचपन यमुना के किनारे ही गुजरा। तुलसीदास, सूरदास की जन्म-कर्म भूमि भी यमुना क्षेत्र रहा है। दुनिया के सात अजूबों में शामिल ताजमहल भी यमुना किनारे स्थित है। अनेक भक्त, ऋषि, साधक, कवि, लेखक यमुना से जुड़े रहे हैं।
यमुनोत्री से पहले जमुना हिमखंडों में रहती है। यह एक हिम नदी है, जो हिम खंडों के पिघलने से बनती है और यमुनोत्री बंदर पूंछ के पास से (30° 58′ N, 78° 27′ E) हिमालय के लगभग 6320 मीटर ऊंचाई से निकलती है। कुछ दूरी आने पर गरूड़ गंगा, ऋषि गंगा, भैरवघाटी, खरसाली में तथा हनुमान चट्टी में हनुमान गंगा यमुना में मिलती है। बदियर, कमलाद, बदरी, अस्लौर नदी को समाकर यमुना आगे बढ़ती रहती है। शिवालिक पहाड़ियों के मध्य दून घाटी होती हुई टोंस जिसे सुप्पीन भी कहते हैं, के साथ असान, आशानदी, गिरि, सिरमौर आदि नदियां यमुना में मिलती है।
सहारनपुर जिले के फैजाबाद ग्राम के पास यमुना मैदान में उतरती है। इसमें मस्करी, कठ, हिंडन, कृष्णी, काली, सबी, करतब, गंभीर, सेंगर, छोटी सिंध, बेतवा, केन, चंबल, कमल, गिरि, टोंस, असान, सोम, आदि नदियां मिलती हैं।
यमुनोत्री में तप्त, उष्ण, गर्म कुण्ड भी है जिन्हें सूर्य कुण्ड, गौरी कुण्ड, द्रौपदी कुण्ड कहते हैं।
यमुनोत्री, जमुनोत्री, उत्तराखंड से प्रारंभ हो उत्तराखंड, हिमाचल, हरियाणा, दिल्ली, से बहती हुई जमुना का गंगा और सरस्वती के साथ संगम, 1376 कि.मी. दूर प्रयागराज, इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश में होता है। इसके तट पर बसे कुछ मुख्या शहर हैं दिल्ली, बागपत, नोएडा, मथुरा, आगरा, इटावा, काल्पी, हमीरपुर, और इलाहाबाद (प्रयागराज)।
इस नदी पर कई बैराज हैं और जिनमें मुख्य हैं डाक पत्थर बैराज, असान बैराज, हथिनी कुण्ड, ताजेवाला बैराज, वजीराबाद बैराज, आईटीओ बैराज, ओखला बैराज।
जमुना से निकलने वाली मुख्य नहरें हैं पश्चिमी यमुना नहर, पूर्वी यमुना नहर। पश्चिमी यमुना नहर (डब्ल्यू वाई सी) हरियाणा के उत्तरी जिलों को जल प्रदान करती है। पश्चिमी यमुना नहर, यमुना नगर, करनाल, पानीपत होते हुए हैदरपुर ट्रीटमेंट प्लांट पहुंचती है, यहां से दिल्ली को पानी की पूर्ति की जाती है। दिल्ली, हांसी, सिरसा इसकी मुख्य शाखाएं हैं।
पूर्वी यमुना नहर ( ई वाई सी) – सहारनपुर जिले में फैजाबाद से यमुना के बाएं किनारे से निकलकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों को जल प्रदान करती हुई दिल्ली के निकट फिर से यमुना में आ मिलती है।
आगरा नहर दिल्ली के ओखला बैराज से निकलकर आगरा के पास फिर जमुना नदी में मिल जाती है।
यमुना नदी घाटी में यमुना गंगा की सबसे बड़ी सहायक नदी है। गंगा जमुनी तहजीब संस्कृति की अपनी ही पहचान रही है। यमुना नदी घाटी क्षेत्र को जानने के लिए इसके विभिन्न पहलुओं को जानना, समझना, पहचानना उपयोगी एवं जरूरी है। इसकी मिट्टी कैसी है? इसमें क्या-क्या खनिज पाए जाते है? भूजल की स्थिति क्या है? क्षेत्र का तापमान कैसा रहता है? उसमें वाष्पीकरण एवं वर्षा की क्या स्थिति है? घाटी का भौगोलिक वर्गीकरण किस रूप में और कितना है? भूमि का उपयोग कैसे, किस रूप में हो रहा है? घाटी में कौन-कौन सी फसलें पैदा की जाती है? जलग्रहण क्षेत्र का क्या प्रभाव है? कौन सी सहायक नदियां जमुना को समृद्ध बनाती रही है? घाटी में जैवविविधता कैसी है? जीव-जंतु, कीड़े-मकोड़े, पेड़-पौधे, पशु-पक्षी, वनस्पति, काम-धंधे, कारखाने आदि की क्या स्थिति है? आबादी और प्रदूषण की क्या स्थिति है? इन एक-एक मुद्दे पर तथा परस्पर आपसी संबंध पर सोच-विचार, चिंतन- मनन, समझ, जानकारी साझा करने की आवश्यकता है।
– क्रमश: