– अनिल शर्मा
गांधी नगर/शिमला: गुजरात प्रदेश में मतदाताओं ने एक बार फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गहरा विश्वास जताते हुए 1995 से लगातार सत्ता में रहने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)को प्रचंड बहुमत से जिता दिया है।
गुजरात में भाजपा को कुल 182 विधानसभा सीटों में 156 सीटें हासिल कर भाजपा ने पिछले सारे रिकार्डों को ध्वस्त कर दिया है । कांग्रेस पार्टी ने मुख्यमंत्री बने माधव सिंह सोलंकी के नेतृत्व में वर्ष 1985 के विधानसभा चुनाव में 182 में से 149सीटें जीती थी। उस समय प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के चलते चल रही सहानुभूति लहर भी प्रमुख कारण थी।
इस बार के चुनाव में गुजरात में आम आदमी पार्टी ने भी पांच सीटें जीत अपना खाता खोल दिया साथ ही 6 प्रतिशत के ऊपर वोट लाकर आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा भी मिल गया है।
हालांकि गुजरात में मोदी का जादू कुछ इस कदर चला कि कुल उन्हें 53 प्रतिशत से अधिक मत मिले। भाजपा को वर्ष 1995 में 48 प्रतिशत से अधिक मत मिले थे और उसे वर्ष 2002 में 127 सीटें मिली थीं। वर्ष 2007 में 122, वर्ष 2017 में 99 सीटें जीती। वर्ष 2022के इस चुनाव में 182 में से 156 सीटें और 52 प्रतिशत से वोट प्राप्त किए। रिकार्ड जीत दर्ज की।
चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली प्रदेश के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल केजरीवाल ने जिस तरह की गुजरात के विधानसभा चुनाव में यह लिखकर देने की बात कही थी कि उनके पास आईबी (इंटेलीजेंस ब्यूरो) की गोपनीय रिपोर्ट है जिस में कहा गया कि गुजरात विधानसभा चुनाव में आम पार्टी सरकार बनाने जा रही है, गलत साबित हुई है। हकीकत में उनकी आप पार्टी सत्ता में नहीं, बल्कि कुल 182 सीटों में सिर्फ पांच सीटें ही प्राप्त की है। वहीं, दूसरी तरफ हिमाचल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में 44 प्रतिशत वोट हासिल करने वाली कांग्रेस को 40 सीटों पर जीत मिली। हालाँकि भाजपा को 43 प्रतिशत वोट मिले परन्तु सीटों के मामले में उन्हें मात्र 25 सीटों पर कामयाबी मिली। गौर तलब है कि हिमाचल प्रदेश की जनता पिछले लंबे अरसे से बारी बारी से एक बार कांग्रेस एक बार भाजपा को जिताती आ रही है। इस हिसाब से इस बार बारी कांग्रेस की थी और उसकी सरकार बनी। जबकि आप को हिमाचल में एक भी सीट नहीं मिली है।
इस बीच उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के निधन से रिक्त हुए लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी और उनकी पुत्र वधु डिंपल यादव ने भाजपा के रघुराज शाक्य को 2 लाख 88सें अधिक मतों से मात दी | मुलायम सिंह यादव ने इस जिले में इतना विकास कार्य कराया है कि चाहे दलित हो या फिर ओबीसी सभी वर्ग उनकी दिल से तारीफ कर रहा है। इसी लिए जब संवाददाता मैनपुरी के दो दर्जन से अधिक दलितों और ओबीसी गांवों में पड़ताल के लिए गया तो चाहे जाटव हो या फिर दिवाकर, सभी ने एक स्वर में कहा कि अबे उनको दुख तो पूरो हो जान देवो। उनकी सहानुभूति ने इस बार उनकी बहू डिंपल यादव धर्म पत्नी पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को इतने ज्यादा मतों से जिताना है कि मुलायम सिंह यादव को हमारी सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित हो जाए। इसलिए यह उप चुनाव असल में सपा के नेता मुलायम सिंह यादव के निधन पर उनकी सहानुभूति लहर का परिणाम था।
*वरिष्ठ पत्रकार