लखनऊ: उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में से विवादित 15 जिलों को छोड़कर सिर्फ 60 जिलों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के जिलाध्यक्ष की घोषणा अब दिल्ली से होगी। भाजपा के पुष्ट सूत्रों के अनुसार केंद्र और राज्य सरकार की गुप्तचर एजेंसियों से जिलाध्यक्ष पद के दावेदारों की जांच कराई गई और जांच रिपोर्ट भी मंगवाई गई तथा भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव व उत्तर प्रदेश के प्रभारी विनोद तावड़े प्रदेश के जिलाध्यक्षों के बारे में टोह ले गए ।
संगठन की गोपनीयता को बरकरार रखते हुए उत्तर प्रदेश भाजपा के निर्वाचन मुख्य अधिकारी एवंम पूर्व केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, भाजपा के प्रदेश महामंत्री धर्मपाल सिंह के साथ तावड़े ने स्क्रीनिंग कमेटी के साथ दो दिनों तक लखनऊ में प्रवास कर 60 जिलों से आए अध्यक्ष पद के सभी दावेदारों के बारे में विचार विमश किया। उन्होंने हर जिले से पांच- पांच प्रत्याशियों के पैनल की गहराई से जांच की।
भाजपा जिलाध्यक्ष के टिकट के दावेदारों में कोई ऐसा तो नहीं है, जिसका गंभीर अपराधिक रिकॉर्ड है या जिले के संगठन में दबंगई दिखाता हो, गुंडई करता हो, कार्यकताओं को परेशान करता हो। यह रिपोर्ट दो दिन में आ जाने के बाद प्रदेश में 75 जिलों में से विवादित पाए गए 15 जिलों में जिलाध्यक्ष घोषित न करने का निर्णय उक्त समिति ने लिया। यानी अब केवल भाजपा के उत्तर प्रदेश में सिर्फ 60 जिलाध्यक्ष के नामों की घोषणा की जाएगी।
इसके बाद स्क्रीनिंग कमेटी ने हर जिले से आए जिलाध्यक्ष के दावेदारों के सूची में से पांच पांच नामों का पैनल तैयार किया। इसके बाद फिर स्क्रीनिंग कमेटी ने पांच पांच टिकट के दावेदारों से तीन तीन नामों का पैनल काफी माथा पच्ची करने के बाद तैयार किया जिन्हें आज दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजा गया है।
सूत्रों ने जालौन का उदाहरण देते हुए बताया कि जहां तक जालौन जिले के जिलाध्यक्ष के बारे में बात है उनमें तीन नामों के पैनल में जिले दिल्ली भेजा गया है। उनमें जालौन जिले के भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष रामेंद्र सिंह बना, वर्तमान जिलाध्यक्ष उर्विजा दीक्षित और एक और दावेदार का नाम है। दिल्ली से भाजपा के पुष्ट सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन तीन नामों से ही एक का भाजपा जिलाध्यक्ष के नाम की घोषणा केंद्रीय संगठन करेगा।
इससे पहले लखनऊ में 5 जनवरी 2025 को भारतीय जनता पार्टी प्रदेश मुख्यालय में आयोजित बैठक में राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बीएल संतोष ने संगठनात्मक चुनाव की कार्ययोजना साझा करते हुए कहा था कि वि दायित्व परिवर्तन संगठनात्मक व्यवस्था है और इसके अनुरूप ही समय-समय पर प्रत्येक कार्यकर्ता के दायित्वों में परिवर्तन होता है। तावडे़ ने कहा कि भारत में सिर्फ भाजपा ही एक मात्र राजनैतिक दल है जो संगठन की संरचना भी संगठनात्मक लोकतांत्रिक व्यवस्था के अनुरूप करता है। यही कारण है कि भारतीय जनता पार्टी में बूथ का कार्यकर्ता भी अपनी योग्यता और क्षमता के आधार पर किसी भी शीर्ष पद पर पहुंच सकता है। इसी के अनुसार पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता जिलाध्यक्षों के रूप में निर्वाचित होगें और संगठन के अबतक के कार्यों को आगे बढ़ाते हुए पार्टी के अभियानों, कार्यक्रमों और विचारधारा को गति प्रदान करेगें।
इस बीच आज भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति ने उत्तर प्रदेश में होने वाले विधान सभा उप चुनाव में मिल्कीपुर विधान सभा क्षेत्र से चंद्रभान पासवान के नाम पर अपनी स्वीकृति दे दी।
*वरिष्ठ पत्रकार