नयी दिल्ली: किसानों के साथ आज दसवें दौर की बैठक में सरकार ने विवादित कृषि कानूनों को एक से डेढ़ वर्ष के लिए स्थगित करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कमेटी के गठन का भी प्रस्ताव रखा है जिस पर आंदोलनकारी संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने बैठक के दौरान आपस मे वार्ता में तय किया कि वे कल किसानों से बात कर सरकार को अपना जवाब देंगे। अगली बैठक अब 22 जनवरी को होगी। सरकार की तरफ से यह प्रस्ताव दिया गया कि कृषि सुधार कानूनों के क्रियान्वयन को एक से डेढ़ वर्ष तक स्थगित किया जा सकता है। इस दौरान किसान संगठन और सरकार के प्रतिनिधि किसान आन्दोलन के मुद्दों पर विस्तार से विचार-विमर्श करके उचित समाधान पर पहुंच जा सकते हैं।
कल ट्रैक्टर परेड को लेकर 11:00 बजे दिल्ली पुलिस के साथ किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल वार्ता करेगा। इस विषय पर दिल्ली पुलिस के साथ आज भी चर्चा की गई लेकिन उसमें कोई सहमति नहीं बन पाई थी।
आज की बैठक में भी आधे समय तक ऐसा ही लग रहा था कि शायद कोई नतीजा नहीं निकलेगा। किसान नेताओं ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा आंदोलनकारी किसानों को भेजे नोटिस का पुरज़ोर विरोध किया जिस पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आश्वासन दिया कि वे इस बारे में पता करेंगे।संयुक्त मोर्चा के नेताओं ने एकमत होकर कृषि मंत्री को कहा कि एक तरफ वे समाधान ढूंढने की बात करते हैं और दूसरी तरफ एनआईए, हरियाणा पुलिस उत्तर प्रदेश पुलिस, उत्तराखंड पुलिस, और अन्य राज्यों के पुलिस के माध्यम से आंदोलनकारियों पर दबाव बनाने के लिए कार्यवाही कर रहे हैं । किसान नेताओं ने कहा: “आंदोलन में मदद कर रहे लोगों को जो अपने आमदनी से कुछ बचा कर भावनात्मक रूप से दान कर रहा है उस पर राज्य के कलाकारों को गायको को , सामाजिक संगठनों को एनआईए के नोटिस भेज कर दबाव बना रहे हो।” जिस पर कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि यह सब बातें उनके संज्ञान में नहीं है ।”आपकी पिछली बैठक में हुई बातचीत का संज्ञान लेकर गृह मंत्रालय से वार्ता की है । चर्चा के बाद अब कोई नोटिस नहीं जाएंगे, आपको जो नोटिस प्राप्त हुए हैं उनको हमें दिए जाएं,” तोमर ने किसानों को कहा।
ज्ञात हो कि आंदोलन में शामिल कई लोगों को, जिनमें किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा, पंजाबी अभिनेता और कार्यकर्ता दीप सिंधु, पंजाब के पत्रकार जसबीर सिंह, और कार्यकर्ता गुरप्रीत सिंह आदि शामिल हैं, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 15 जनवरी को ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ नामक एक प्रतिबंधित संगठन के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के संबंध में नोटिस भेजा था और उन्हें 18 जनवरी को 11.30 बजे नयी दिल्ली के सीजीओ काम्प्लेक्स स्थित एनआईए के मुख्यालय में हाज़िर होने को कहा था।
आज की बैठक की शुरुआत में सरकार ने कृषि क़ानून में संशोधन का विषय रखा था पर किसान नेताओं ने उसे नामंज़ूर कर दिया और तीनों कानूनों को स्थगित करने की अपनी मांग को दोहराया। बैठक की पहली सत्र के बाद बाहर निकल कर इन नेताओं ने कहा कि न्यूनतम मूल्य समर्थन पर भी सरकार चर्चा से भाग रही है।
– ग्लोबल बिहारी ब्यूरो