-ग्लोबलबिहारी ब्यूरो
उज्जैन: क्षिप्रा एवं भारत की अन्य नदियों के सन्दर्भ में राष्ट्रीय जल सम्मेलन का आयोजन 16-18 दिसम्बर को किया जा रहा है।
इस सम्मेलन में देश भर के 101 नदी घाटी संगठन के वह प्रतिनिधि भाग ले रहे है जिन्होंने अपने-अपने इलाके में नदियों को पुर्नजीवित करने का प्रयास किया है।
सम्मेलन का उदघाटन जल पुरूष राजेन्द्र सिंह, अध्यक्षता विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति बी0 के0 शर्मा, विशिष्ठ अतिथि उज्जैन के कलेक्टर शशांक मिश्र, रोटरी क्लब के रंजन ढीकरा, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी नीलेश पारिख, विशिष्ठ अतिथि के रूप में सत्यानारायण वुलशेट्ठी आन्ध्रप्रदेश, गांधीवादी चिन्तक रमेश शर्मा, नई दिल्ली आदि उपस्थित रहेगे।
सम्मेलन के उददेश्यों पर प्रकाश डालते हुए जल जन जोडो अभियान के राष्ट्रीय संयोजक संजय सिंह ने कहा कि इस सम्मेलन का उददेश्य भारत के समाज को नदियों से जोडने का है – “उज्जैन में क्षिप्रा नदी का पौराणिक एवं धार्मिक महत्व बहुत अधिक है देश के करोडों लोगों की आस्था इस नदी से जुडी है। मानवीय भूल और प्रशासनिक उदासीनता के कारण यह नदी आज प्रदूषित हो गयी है। क्षिप्रा एक ऐसी नदी है, जिसे अल्प प्रयास से ही निर्मल एवं अविरल बनाया जा सकता है। उज्जैन नगर के नागरिकों एवं नदी के किनारे के समाज ने मिलकर क्षिप्रा नदी को अविरल बनाने का संकल्प लिया है।”
संजय ने बताया इस संकल्प को पूरा करने के लिए देशभर मेें नदी पुर्नजीवन के लिए किये गये सफल प्रयासों का प्रस्तुतीकरण विभिन्न सत्रों में किया जायेगा।
नदियों की अविरलता निर्मलता और जल संरक्षण के सन्दर्भ में कल जल यात्रा का आयोजन उज्जैन नगर में क्षीरसागर से झालरिया मठ, बालमुकुद आश्रम तक किया जायेगा।
सम्मेलन मेें उज्जैन की शैक्षणिक संस्थाओं, स्वयं सहायता समूहों, विविध धार्मिक संगठनों का सहयोग प्राप्त हो रहा है। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र के बाद क्षिप्रा नदी पर तीन सत्रों में चर्चा की जायेगी। क्षिप्रा नदी की अविरलता मेें युवाओं की भूमिका, क्षिप्रा नदी अविरलता मेें तकनीकि पहलू, क्षिप्रा नदी के पुर्नजीवन में जनभागेदारी के सन्दर्भ में सत्रों का आयोजन किया जायेगा।