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राज्यों से : उत्तर प्रदेश
– खुशबू
वाराणसी: काशी में स्थित अशोक इंस्टीट्यूट के इलेक्ट्रॉनिक डिपार्टमेंट में पढ़ने वाले चार वर्ष के चार छात्रों ने क्वारैंटाइन कोविड-19 वॉच बनाई है। छात्रों के अनुसार इस वॉच को क्वारैंटाइन में रहने वाले कोरोना के संदिग्ध मरीज को यदि यह घड़ी पहना दि जाए तो उस पर दूर बैठकर भी नजर रखी जा सकती है। संदिग्ध मरीज जैसे ही वॉच उतारेगा या घर के बाहर जाएगा, तो पुलिस के द्वारा पहले से सेट किए नंबर पर कॉल चला जाएगा और पुलिस को पता चल जाएगा । छात्रों ने यह प्रयोग रेडियो फ्रीक्वेंसी पर आधारित बनाया है।
अभिषेक, अनीश कुमार, अजित वर्मा और शशि सिंह ने यह मॉडल 15 दिन में तैयार किया है। छात्रों ने कहा- क्वरैंटाइन कोविड-19 वॉच पुलिस की मदद करेगा। इससे संदिग्ध मरीजों पर नजर रखी जा सकती है। हॉटस्पॉट में क्वारैंटाइन हुए मरीज कभी कभी लापरवाही करते हैं। वे घर के बाहर निकल जाते हैं। जिसके कारण औरों में वायरस के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए छात्रों ने पुलिस की सहायता करने के लिए यह वॉच बनाई।
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वॉच को मरीज के हाथों में पहना दिया जाए तो निर्धारित रेंज से बाहर जाने पर यह तुरंत एक्टिवेट हो जाएगी । नजदीकी थाने में मरीज की डिटेल के साथ अलार्म और कॉल ऑटोमेटिक पहुंच जाएगा l जिससे पुलिस समय रहते उस व्यक्ति को पकड़ सके और उस पर सख्त कार्रवाई कर सकें।
वॉच में एसेम्बल डिवाइस है। यह रेडियो फ्रीक्वेंसी के जरिए पुलिस के मोबाइल में एसेम्बल रिसीवर किट से कॉलिंग को जोड़ देता है। मरीज के घड़ी उतारते, घर से बाहर जाते ही डिवाइस एक्टिव हो जाती है , और ऑटोमेटिक कॉलिंग शुरू हो जाती है। डिवाइस नम्बरिंग से पुलिसकर्मी पहचान जाएंगे- कौन सा मरीज बाहर घूम रहा है? अभी इसका रेंज 100 मीटर के करीब है। डिवाइस में खिलौने का एंटीना, रिले 5, नैनो बैटरी 3.7 वोल्ट, नॉर्मल घड़ी, नैनो ट्रांसमीटर-रिसीवर, अलार्म, पुराना मोबाइल इस्तेमाल किया गया है।
रिसर्च एंड डिवेलपमेंट हेड श्याम ने बताया कि बहुत कारगार डिवाइस है। सभी पर नजर रखना मुश्किल है। प्राइमरी स्टेज से वॉच को बजट मिलने पर मॉडीफाई कर रेंज को बढ़ाया जा सकता है। वहीं, इंस्टीट्यूट के वाइस चेयरमैन अमित मौर्या ने कहा कि बच्चों की सोच यूनिक और कारगर है। प्लानिंग के तहत इसको आगे बढ़ाया जाएगा। टेक्निकल सपोर्ट के लिए एक्सपर्ट से बातचीत कि जाएगी।
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