-ग्लोबलबिहारी ब्यूरो
हरिद्वार: हरिद्वार के कनखल स्थित मातृ सदन आश्रम में गंगा की अविरलता की मांग ले पिछले 47 दिनों से अनशनरत मूलत: बिहार के नालंदा जिले की निवासी 23 वर्षीया सानिया उर्फ साध्वी पद्मावती को कल रात पुलिस ने अपनी हिरासत में ले लिया।
सूत्रों के मुताबिक चीफ मेडिकल अफसर (सीएमओ)की ओर से जारी साध्वी के स्वास्थ्य बुलेटिन के आधार पर पुलिस ने देर रात उन्हें जबरन उठाकर दून अस्पताल में भर्ती करा दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कल रात्रि के 11 बजे भारी पुलिस बल स्वामी शिवानंद सरस्वती के मातृ सदन में आयी और धारा 144 लगा साध्वी को हिरासत में ले कर चली गयी।
आश्रमकर्मियों ने वीडियो जारी किया है जो दर्शाता है कि साध्वी पद्मावती के विश्राम कक्ष के गेट को पुरुष पुलिस ने तोड़कर प्रवेश किया। मौके पर उपस्थित लोगों ने कहा पीछे महिला पुलिस ने साध्वी को “जबरन” उठा लिया।
इस घटना पर जलपुरुष के नाम से विख्यात पर्यावरणविद एवम स्टॉकहोल्म पानी पुरस्कार और मैग्सेसे से सम्मानित डॉ. राजेन्द्र सिंह, जो साध्वी की इस मुहिम से शुरुआत से जुड़े हुए हैं, ने कहा कि पुलिस साध्वी को कहाँ ले गयी इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई है।
पुलिस की इस कार्रवाई की भर्त्सना करते हुए उन्होंने आपत्ति जताई और पूछा कि एक भारतीय नारी के कमरे के दरवाजे को रात में घुस कर किसी पुरुष पुलिसकर्मी द्वारा खोलना औरऔर रात में किसी नारी को इस तरह उठाना कहां का कानून है?
ज्ञात हो कि डॉ. सिंह ने गत 20 जनवरी को बिहार के मुख्य मंत्री नीतीश कुमार से मिलकर उन्हें आग्रह किया था कि वे बिहार की बेटी पद्मावती को बचाने की कोशिश में साथ दें जिसके पश्चात मुख्य मंत्री ने ना सिर्फ प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी कोएक पत्र लिखा था, बल्कि अपने मंत्रिमंडल के सहयोगी संजय झा और नालंदा के सांसद कौशलेंद्र जी को हरिद्वार भी भेजा जिन्होंने बलिदान की राह पर चल पड़ी पद्मावती से आमरण अनशन के संकल्प को वापस लेने का आग्रह किया।हालांकि पद्मावती ने अपनी मांगों के ज़मीन पर उतरने तक अनशन पर बैठने के निर्णय को दोहराया।
साध्वी पद्मावती के अनशन को समाप्त कराने हेतु बिहार के मुख्य मंत्री नीतीश कुमार का प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा पत्र
मातृ सदन में 23 जनवरी को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रतिनिधि राज्य के मंत्री संजय झा, सांसद कौशलेंद्र कुमार, जलपुरुष डॉ. राजेन्द्र सिंह और अन्य लोगों के साथ
यह बता दें की मातृ सदन में ही प्रख्यात गंगा वैज्ञानिक और आई आई टी में प्रोफेसर तथा सेंट्रल पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड के पहले मेंबर सेक्रेटरी रहे प्रो.जी डी अग्रवाल उर्फ सानंद स्वामी भी पिछले वर्ष 111 दिनों गंगा की अविरलता की मांग में अनशनरत थे। पुलिस उन्हें भी जबरन उठा कर ले गयी थी और अस्पताल में भर्ती कर दी थी जहां उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए थे। मातृ सदन के स्वामी शिवानंद सरस्वती उनकी मौत को हत्या मानते हैं और एक निष्पक्ष जांच की मांग पर अड़े हैं।
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साध्वी पद्मावती सानंद स्वामी से प्रेरित हैं और उन्हीं की भांति सिर्फ जल, शहद और नींबू ग्रहण कर रही हैं। लाजमी है कि पुलिस की कार्रवाई के पश्चात आश्रमवासी साध्वी पद्मावती की सेहत के प्रति चिंतित हैं। उनका कहना है पद्मावती कितनी स्वस्थ और दृढ़ संकल्प है यह घटना की वीडियो से स्वतः स्पष्ट है