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राज्यों से : गुजरात
– खुशबू
अहमदाबाद : कोरोना संक्रमण में गुजरात राज्य चौथे स्थान पर आता है । राज्य में हर दिन 400 से अधिक नए मामले सामने आते हैं, जबकि 20 से 27 लोगों की मौत हो जाती है। गुरुवार को तो एक दिन में यहाँ 572 नए केस आये। अब तक राज्य में कोरोना से 1,735 मौतें हो चुकीं हैं। अब सरकार ने एक प्राइवेट अस्पतालों के साथ-साथ प्राइवेट लेबोरेटरी में भी कोरोना परीक्षण की अनुमति दी है। लेकिन परीक्षण की फीस आम आदमी के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बन गया है।
निजी प्रयोगशालाएँ कोरोना परीक्षण के लिए 4,500 रुपए लेती हैं। इस संबंध में अहमदाबाद मेडिकल एसोसिएशन ने परीक्षण शुल्क को कम करने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री को एक प्रस्ताव भेजा है।
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आपको बता दें कि कोरोना टेस्टिंग की फीस को महाराष्ट्र सरकार ने राज्य की स्थिति को देखते हुए 4500 से घटाकर 2200 रुपए कर दिए थे ।दिल्ली सरकार ने भी हाल में कोरोना टेस्टिंग के दाम 4500 रूपये से घटाकर 2400 रूपये कर दिए हैं। अब गुजरात की स्थिति और इस समस्या को देखते हुए अहमदाबाद मेडिकल एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री के साथ-साथ उप-मुख्यमंत्री को भी टेस्टिंग चार्ज को कम करने की मांग की है।
एसोसिएशन का कहना है कि अगर कोरोना परीक्षण शुल्क 2,000 रुपए रखा जाता है, तो एक साधारण व्यक्ति भी अपने और अपने परिवार के लिए कोरोना परीक्षण ठीक से करवा सकता है। पहले पीपीई किट विदेश से आती थी, जिसकी वजह से केंद्र और आईसीएमआर द्वारा लागत 4500 रुपए तय की गई थी। लेकिन यह किट अब देश में ही बन रही है, इसके बाद भी टेस्टिंग चार्ज कम नहीं किए गए। विदेशी पीपीई किट महंगी होने के कारण टेस्टिंग चार्ज भी महंगा था। अब पीपीई किट की कीमत लगभग 700 रुपए है। एसोसिएशन का कहना है कि अब यदि टेस्टिंग चार्ज की लागत जोड़ी जाए, तो यह 1700 से 1900 रुपए के बीच होती है। ऐसे में टेस्टिंग चार्ज 4500 रुपए लेना कहां तक न्यायसंगत है?
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