नयी दिल्ली: पिछले 24 दिनों से नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों ने आज राजधानी के सिंघु बॉर्डर पर आयोजित एक प्रेस वार्ता में अपने आंदोलन को तेज करते हुए कहा कि कल से प्रमुख उद्योग घराने अडानी के सभी खाद्य उत्पाद जैसे फॉर्च्यून का आटा, तेल, रिफाइंड आदि का किसान बहिष्कार करेंगे।
आंदोलनकारी 40 किसान यूनियनों के संयुक्त किसान मोर्चा ने आज एक नारा दिया – “नहीं थकेंगे, नहीं रुकेंगे, नहीं डरेंगे।”
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संयुक्त किसान मोर्चा के अन्य किसान नेताओं की उपस्थिति में मोर्चा के घटक भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने आगे के कार्यक्रम की घोषणा करते हुए कहा कि अब किसान 21 दिसंबर से आंदोलन तक हर प्रदर्शन स्थल पर प्रतिदिन 11 किसान भूख हड़ताल कर धरने पर बैठेंगे। टिकैत ने घोषणा की कि 23 दिसंबर को किसान दिवस पर देश भर में कोई भी किसान दोपहर का भोजन नहीं बनाएगा। उन्होंने आगे कहा कि 25 दिसम्बर को भाकियू कार्यकर्ता भाजपा नेताओं को ज्ञापन देकर जबाब लेंगे और 26 दिसम्बर को मोदी सरकार के घटक दलों को ज्ञापन देकर कानून वापसी की मांग करेंगे।उन्होंने चेतावनी दी कि किसान 26 से 27 दिसम्बर को हरियाणा के टोल प्लाजा फ्री करेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार को किसान की आवाज को सुनना चाहिए।
टिकैत ने दिल्ली से सटे ग़ाज़ियाबाद के गाजीपुर बॉर्डर पर किसान शहीदों को नमन करते हुए कहा कि आज उन्हें साथियों के खोने का दुख है। अब तक इस आंदोलन के दौरान 20 किसान विभिन्न कारणों से अपनी जान गवां चुके हैं।
टिकैत ने आरोप लगाया की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी अब “ओछी हरकत” कर रही है और किसानों के नाम अनुयायिओं को पैसे देकर रैली निकलवा रही है तथा किसानों को 50 लाख के मुचलके भरवा रही है। “हम इससे डरने वाले नही हैं,” उन्होंने कहा और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि “मोदी जी मन की नही जन की बात करे। साथ ही उन्होंने यह भी घोषणा की कि 27 दिसम्बर को किसान मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम के प्रसारण के समय किसान देश भर में थाली, ताली के शोर में उनकी आवाज को दबा देंगे।
टिकैत ने कहा कि इसके की रणनीति इसके बाद मीटिंग में तय होगी।
– ग्लोबल बिहारी ब्यूरो