शिमला: हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन और बादल फटने से अचानक आयी बाढ़ से राज्य में लगभग 50 लोगों की मौत हो गयी और कई घायल हो गए हैं। राज्य में तीन दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचा रखी है। जहां एक ओर आज सुबह करीब सात बजे राजधानी शिमला के समरहिल में शिव मंदिर के पास भूस्खलन में 25-30 श्रद्धालुओं के जिंदा दफन होने की खबर है वहीं मण्डी ज़िले की पधर तहसील में कमांद पुलिस चौकी के अंतर्गत क्लेशधार में एक मकान ढहने के कारण सात लोगों की मृत्यु का भी समाचार है।
आज सोलन जिला के संभल, पंडोह में अचानक आई बाढ़ में सात लोग बह गए हैं। मंडी पंडोह सड़क पर भी सात मील के पास नाले में भारी बारिश के कारण भारी मात्रा में मलबा आया है जो हाईवे पर खड़ी कई छोटी और बड़ी गाड़ियों को क्षतिग्रस्त कर दिया है और लोगों तक मदद पहुंचाना भी सम्भव नहीं हो पा रहा है। चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पूरी तरह से बंद है और वैकल्पिक मार्ग भी बंद हैं। जिला की अधिकतर सड़कें बन्द हैं। बिजली पानी की आपूर्ति पूरी तरह से बाधित है।
हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार राज्य के कांगड़ा जिला के ज्वालामुखी तहसील के अंतर्गत अधवानी में के पास जल स्तर में वृद्धि के कारण आज आखिरी समाचार आने तक लगभग 70 लोग ब्यास नदी में फंसे हुए थे जबकि नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फ़ोर्स ने एक बच्चे सहित 36 लोगों को बचाया है।
मौसम विभाग के अनुसार हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा जारी रहने और कल से इसमें कमी आने की संभावना है।
मुख्य मंत्री ने आज शिमला में भारी बारिश से उत्पन्न स्थिति का जायजा लेने के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। राज्य सरकार ने घोषणा की कि इस भीषण त्रासदी के दृष्टिगत इस बार स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रमों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन नहीं किया जाएगा। परेड में स्थानीय पुलिस और एसडीआरएफ के जवान शामिल नहीं होंगे वह बचाव कार्यों में ही शामिल होंगे। भारी बारिश से लोगों को हो रही परेशानियों को दूर करना सरकार की पहली प्राथमिकता है और परेड को भी स्केल डाउन किया जा रहा है। अधिक से अधिक संख्या में जवान राहत और बचाव कार्यों में तैनात किए जाएंगे।
हिमाचल प्रदेश के मुख्य मंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज इन सभी जगहों का दौरा किया और ट्वीट के ज़रिये लोगों को आश्वासन दिया कि “इस भयावह स्थिति से निपटने के लिए सक्रिय बचाव, खोज और राहत अभियान फिलहाल जारी हैं”।
शिमला के समरहिल में शिव मंदिर के पास मुख्या मंत्री ने भूस्खलन के बाद बचाव कार्यों की निगरानी की और कहा कि जान बचाने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है और सरकार फंसे हुए लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
सोलन जिले के ममलीग तहसील के जडोंन गांव में विनाशकारी बादल फटने की घटना स्थल का दौरा के दौरान उन्होंने कहा “”प्रकृति के इस कहर ने हमें कभी न भरने वाले ज़ख्म दिए हैं । जैसे ही मैं मलबे के बीच खड़ा हुआ, मुझे उन लोगों का दर्द महसूस हुआ जिन्होंने वहां अपने प्रियजनों और घरों को खो दिया। मैं आपदा की इस घड़ी में सभी प्रभावितों से कहना चाहूंगा कि वे इस कठिन समय में अकेले नहीं हैं। हम सभी प्रभावित परिवारों के साथ मजबूती से खड़े है और हर संभव सहायता का वादा करते हैं।
इस बीच उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी आज हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण हुई लोगों की मौत पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी प्रार्थना की।
– ग्लोबल बिहारी ब्यूरो