नई दिल्ली: चीनी मिलों पर देश के किसानों का लगभग 10 हजार करोड़ से अधिक बकाया वर्तमान में है और उत्तर प्रदेश में अकेले किसानों को लगभग रुपये 3000 करोड़ गन्ना भुगतान का बकाया है जिससे गन्ना उत्पादक किसान आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को आज लिखे पत्र में भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) ने अनुरोध किया है कि देश में चीनी विकास निधि अधिनियम 1982 के तहत चीनी कारखानों को ऋण देने के नियम में गन्ना बकाया भुगतान को भी शामिल कर चीनी मिलों को सुलभ ऋण उपलब्ध कराया जाये जिससे गन्ना किसानों का गन्ना बकाया भुगतान हो सके।
यूनियन ने कहा कि 2014 की चुनावी सभा में मोदी द्वारा भी गन्ना किसानों का भुगतान14 दिन में कराये जाने का वायदा किया गया था |”आपके संज्ञान में लाना है कि उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में गन्ना किसानों को गन्ने का भुगतान नियमानुसार 14 दिन के स्थान पर कई महीनों बाद किया जा रहा है,” यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक ने कहा।
मलिक ने कहा कि उत्तरप्रदेश सहित देश की कुछ चीनी मिलें गन्ना बकाया भुगतान में पिछड़ी हुई हैं, बावजूद इसके कि केंद्र सरकार ने समय-समय पर किसानों के बकाया भुगतान में तेजी लाने के लिए आवश्यकता पड़ने पर विभिन्न नीतिगत उपाय लागू किए हैं। “कुछ समय पहले भी केंद्र सरकार ने स्कीम फॉर असिस्टेंस ऑफ शुगर मिल्स के तहत चीनी मिलों के लिए 1100 करोड़ की अतिरिक्त सहायता को मंजूरी दी थी,” उन्होंने कहा।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार चीनी विकास निधि अधिनियम 1982 के तहत चीनी कारखानों को किसी इकाई के पुनर्वास और आधुनिकीकरण क्षेत्र में गन्ने के विकास के लिए खोई आधारित सह-उत्पादन विद्युत परियोजनाओं की कार्यकुशलता में सुधार के लिए व इकाई को निर्जल अल्कोहल या इथेनॉल के उत्पादन के लिए उनकी कार्यकुशलता में सुधार करने के लिए ऋण देती है। परन्तु चीनी विकास निधि अधिनियम 1982 के तहत चीनी कारखानों को गन्ना बकाया भुगतान के लिए ऋण देने का नियम नहीं है।
यूनियन ने पत्र में सुझाव दिया कि गन्ना भुगतान में पिछड़ी हुई चीनी मिलों को वित्तीय सहायता प्रदान करने की योजना स्कीम फॉर एक्सटेंडिंग फाइनेंसियल असिस्टेंस टू शुगर अंडरटेकिंग्स – 2014 (एस ई एफ ए एस यू -2014) के तहत चीनी मिलों को ब्याज छूट के साथ कार्यशील पूँजी ऋण भी प्रदान की जा सकती है। इस वित्तीय सहायता से मिलों द्वारा किसानों का भुगतान किया जा सकता है।
“अत: आपसे अनुरोध है कि देश में चीनी विकास निधि अधिनियम 1982 के तहत चीनी कारखानों को ऋण देने के नियम में गन्ना बकाया भुगतान को भी शामिल कर चीनी मिलो को सुलभ ऋण उपलब्ध कराया जाये जिससे गन्ना किसानों का गन्ना बकाया भुगतान हो सके,” यूनियन ने प्रधान मंत्री को लिखे पत्र में कहा।
– ग्लोबल बिहारी ब्यूरो