पटना: बिहार के विधानसभा के स्पीकर अवध बिहारी चौधरी, जो राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के विधायक हैं, के पद से इस्तीफा न देने की दो टूक चेतावनी दे देने के बाद अब 12 फरवरी 2024 को बिहार विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के पहले उनके विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाने की रणनीति सत्ता पक्ष ने बना ली है।
सत्तारूढ़ नेशनल डेमोक्रेटिक अलायन्स (एनडीए) के शीर्ष नेतृत्व ने कल 12 फरवरी 2024 को सबसे पहले स्पीकर के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाने का निर्णय किया है। यह अविश्वास प्रस्ताव स्पीकर के विरुद्ध पास हो गया तो इसे ही फ्लोर टेस्ट का परिणाम माना जाएगा। हालाँकि यदि एनडीए के मुस्लिम और यादव विधायक यदि क्रॉस वोटिंग कर दें तो विपक्षी महागठबंधन को फ्लोर टेस्ट में जीत मिल सकती है ।
बीती 10 फरवरी 2024 की रात महागठबंधन के खेमे में खुशी की लहर थी। पूरा विश्वास था कि राजद के 79 , कांग्रेस के 19, सीपीएमएल के 12, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया के दो, मार्क्सिस्ट कम्युनिस्ट पार्टी के दो, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन का एक विधायक मिलाकर महागठबंधन के विधायकों की कुल संख्या 115 है और अगर मांझी की नाराज़गी का फायदा महागठबंधन को मिल जाए और जदयू के भी पांच विधायक क्रॉस वोटिंग कर दें तो राजद को फायदा हो सकता है।
11 फरवरी आते-आते यह खबर तेजी से फैल गई कि राजद के 12 विधायक राजद के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के आवास में नहीं पहुंचे। इससे हड़कंप मच गया क्योंकि तेजस्वी यादव के आवास में न पहुंचने वाले ये 12 विधायक विद्रोह की राह में बताये जा रहे थे। यह सभी 12 विधायक ना तो मुस्लिम हैं ना ही यादव हैं जिन्हें राजद का वोट बैंक मन जाता है। इनमें से चेतन आनंद बाहुबली नेता आनंद मोहन के पुत्र हैं और विधायिका नीलम देवी बाहुबली नेता अनंत सिंह की धर्मपत्नी हैं।
11 फरवरी की दोपहर से लेकर रात तक यह खबर फैल गई कि राजद के ये 12 विधायक जो यादव और मुस्लिम नहीं हैं वे क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं या सदन से वोटिंग के समय गायब रह सकते हैं।
इसी तरह यह भी अफवाह फैली हुई है कि मुख्यमंत्री नितीश कुमार के दल, जनता दल यूनाइटेड (जदयू), के मुस्लिम और यादव विधायक फ्लोर टेस्ट में बगावत कर महागठबंधन की तरफ वोट कर सकते हैं।
जदयू के पांच गायब विधायक मुख्यमंत्री नितीश कुमार के लिए चिंता का विषय हैं। एनडीए गठबंधन की सरकार अपने विधायकों को खोजने के लिए पुलिस फोर्स के साथ पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के बंगले भी गई। इसकी आज देर रात भी पुलिस जदयू के गायब पांच विधायकों को खोजने के लिए तेजस्वी के बंगले में फिर गई।आरजेडी के समर्थको ने पुलिस की गाड़ियों के पीछे दौड़ लगाई और नारेबाज़ी की।
देर रात तेजस्वी यादव के आवास के बाहर बड़ी संख्या में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती हो गई और सड़कों के दोनों तरफ बैरिकेड किए गए। तेजस्वी यादव की आवास के अंदर भी कुछ पुलिस के अधिकारी दाखिल हुए।
जानकारी के मुताबिक सिटी एसपी, एसडीएम तेजस्वी आवास के आवास के अंदर गए। बाद में पुलिस बाहर आ गई।
उधर विधायक चेतन आनंद के पिता बाहुबली आनंद मोहन ने आज 11 फरवरी को एक एफआईआर कराई है उनके बेटे विधायक चेतन आनंद को तेजस्वी यादव के बंगले में बंधक बनाकर रखा गया है।
चेतन के छोटे भाई ने भी पटना के पाटलिपुत्र थाना में अपने भाई की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई।
इसके बाद फिर से बने दबाव में आज देर रात तेजस्वी यादव को राजद के विधायकों को अपने बंगले से बाहर भेजना पड़ा। इसके चलते बाजी फिर से एनडीए के पक्ष में मजबूत होती जा रही है।
अगर महागठबंधन के सहयोगी दल कांग्रेस के कुल 19 विधायकों में 17 विधायक ही तेलंगाना सरकार के हैदराबाद शहर में स्थित रिसोर्ट में पहुंचे यह कांग्रेस के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।
यदि यही स्थिति आज रात बनी रहती है तो कल स्पीकर अवध बिहारी के विरोध एनडीए जो अविश्वास प्रस्ताव लाएगी उसके पक्ष में 140 से 141 वोट तक मिलने की उम्मीद है। जबकि महागठबंधन को 115 की जगह 103 मत मिलने की उम्मीद है। दूसरी स्थिति यह बनेगी कि यदि मतदान के दौरान राजद के 12 विधायक और कांग्रेस के दो विधायक मतदान के समय सदन से गायब रहते हैं तो अविश्वास प्रस्ताव का परिणाम एनडीए के पक्ष में 129 तथा महागठबंधन के वोटों की संख्या घटकर 101 ही हो, यानी एनडीए स्पीकर के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव 28 मतों के भारी अंतर से जीत सकती है।
मालूम हो कि बिहार विधानसभा में कुल विधायकों की संख्या इस समय 243 है। इनमें सत्तारूढ़ दल एनडीए के घटक दल भाजपा के विधायकों की संख्या 78 है, जदयू विधायकों की संख्या 45 है, हम विधायकों की संख्या चार है, चिराग पासवान पार्टी का एक विधायक है जबकि एक और निर्दलीय विधायक यानी एनडीए के कुल विधायकों की संख्या 129 है जो बहुमत के आंकड़े 122 से ज्यादा है।
राजद के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के रास्ते में पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव ने 12 फरवरी को बिहार विधानसभा में खेला होने का जो ऐलान कर रखा है इसके चलते यह कयास लगाए जा रहे हैं कहीं चिराग पासवान जिनका बिहार में एक ही विधायक है या मांझी, क्या वह कुछ अप्रत्याशित करेंगे? भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शीर्ष नेतृत्व ने जीतन राम मांझी और चिराग पासवान को मनाने की हर तरह से कोशिश शुरू कर दी है।
मांझी ने उनकी पार्टी से एक और मंत्री की राज्य में मांग करते हुए घोषणा कर दी थी कि वह एनडीए और प्रधानमंत्री मोदी के साथ हैं यही बात चिराग पासवान के साथ है वह नीतीश से तो नाराज हैं लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रबल समर्थक हैं । मांझी ने कल अपने चारों विधायकों का समर्थन एनडीए को देने की घोषणा कर दी थी बस यही कहा था कि उनके मंत्री की राज्य में और एक संख्या बढ़ायी जाए। लेकिन आज भाजपा नेतृत्व व्दारा घोषित राज्यसभा की सूची में जीतन राम मांझी का नाम न होने से वह एक बार फिर से भड़क गए और अपना फोन स्विच ऑफ कर लिया। इससे भाजपा का शीर्ष नेतृत्व परेशान हुआ है और उसने भाजपा नेता नित्यानंद राय को उन्हें मनाने के लिए उनके आवास पर भेजा है।
*वरिष्ठ पत्रकार