गाजियाबाद: तीनों नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत संयुक्त किसान मोर्चा ने आज घोषणा की कि संसद के मानसून सत्र के दौरान रोजाना किसानों का एक जत्था संसद मार्च करेगा। उसने कहा कि हर जत्थे में दो सौ किसान शामिल होंगे और संयुक्त मोर्चा में शामिल सभी 40 किसान संगठनों की संसद में मार्च में बराबर की हिस्सेदारी होगी।
मोर्चा ने कहा कि हर संगठन से रोजाना पांच सदस्य संसद मार्च में शामिल होंगे तथा इन पांच सदस्यों में एक टीम लीडर होगा जो अपनी टीम के प्रति पूरी तरह जवाबदेह और उत्तरदायी होगा। उसने कहा कि संसद मार्च के लिए जाने वाले सत्याग्रहियों का चुनाव पूरी तरह जांच परख के बाद किया जा रहा है। इसके लिए बाकायदा आधार कार्ड के आधार पर विशेष पहचान पत्र जारी किए जा रहे हैं। इस संबंध में पूरी जानकारी दिल्ली पुलिस के साथ बैठक में उपलब्ध करा दी गई है। मानसून सत्र के दौरान रोजाना दो सौ किसानों का जत्था संसद पर पहुंचेगा और शाम को वापस लौट जाएगा। अगले दिन दूसरा जत्था संसद पहुंचेगा।
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भारतीय किसान यूनियन के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने बताया कि इतना ही नहीं अपनी पांच सदस्यीय टीम की पूरी जिम्मेदारी संबंधित किसान संगठन की होगी। किसान संगठन पूरी तरह तसदीक करने और जांच परख करने के बाद ही संसद मार्च के लिए नाम देंगे।
इस बीच भाकियू राष्ट्रीय अध्यक्षचौधरी नरेश टिकैत ने कल शनिवार को सिसौली में पंचायत को संबोधित करते हुए कहा कि सभी दल एक ही थाली के चट्टे बट्टे हैं आज जिन तीन कृषि बिलों के खिलाफ वे संघर्ष कर रहे हैं, कांग्रेस की भी इन बिलों को लाने की मंशा थी। भारतीय जनता पार्टी ने इन बिलों को लाकर किसानों के पेट में खंजर घोपने का काम किया है। चौधरी नरेश टिकैत ने शनिवार को पंचायत में कहा कि आठ माह के लगभग होने वाले हैं, किसान सड़कों पर हैं, लेकिन सरकार सुन नहीं रही है।
चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि भारतीय किसान यूनियन पूर्णतया गैर राजनीतिक संगठन है और रहेगा तथा उसकी चुनाव लड़ने की कोई मंशा नहीं है। उत्तर प्रदेश मिशन के संबंध में उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर में 5 सितंबर को संयुक्त किसान मोर्चा की महापंचायत होगी और संयुक्त मोर्चा के निर्णय के मुताबिक इस महापंचायत में ही आगे की रणनीति की घोषण की जाएगी।
– ग्लोबल बिहारी ब्यूरो