संस्मरण
– डॉ. राजेंद्र सिंह*
खेती और दूध से दुनिया का समृद्ध राष्ट्र डेनमार्क
डेनमार्क में अन्न और दूध, सब्जियाँ, फल बहुत ही प्रचुर मात्रा में होते है। आकर में छोटा सा देश है लेकिन खेती और पशुपालन में बड़ा नाम कमाने वाला है। इस देश में विस्थापित होकर आए जलवायु शरणार्थियों की संख्या बहुत है पर अभी इस देश में जलवायु परिवर्तन शरणार्थी का उतना प्रभाव नहीं है।। यहाँ चंद शरणार्थी खेती, बागवानी, दूध आदि के काम में ही लगते है। यह लोग इस काम को मूल डेनमार्कवासी बहुत रूची से करते है। इनके मुकाबले बाहर से आकर करने वाले विस्थापित लोग बहुत पीछे रह जाते है। इसलिए विस्थापितों का डेनमार्क में जाने का ज्यादा रूझान नहीं दिख रहा है। मेरी जिन विस्थापितों से बातचीत हुई, उन्होंने अपने पुराने संबंधों को आगे रखकर यहाँ आए और काम करने लगें। वैसे यहाँ डेनमार्कवासी और विस्थापितों के बीच गहरा तनाव दृष्टिगत नहीं हुआ, क्योंकि डेनमार्कवासी इन शरणार्थियों का उपयोग करते थे।
इस देश में अफ्रीकन और एशियन जलवायु परिवर्तन शरणार्थियों ने कोई तनाव पैदा नहीं किया है। क्योंकि शरणार्थियों की संख्या बहुत कम है। डेनमार्कवासियों को भी अपने खैती आदि के लिए मजदूर आदि की जरूरत होती है। जरूरत से ज्यादा शरणार्थियों का दबाब नहीं है। डेनमार्क की शहरी भू-संरचना शरणार्थियों से अभी खतरनाक रूप् में प्रभावित नहीं है।
डेनमार्क एक कृषि उपयुक्त देश है क्योंकि यहाँ की भू-रचना इस प्रकार की है जो कृषि कार्यों के लिए उपयुक्त है।राजशाही राष्ट्र होने के बावजूद इस देश में मानव और प्राकृतिक बराबर सम्मान है। इस देश में मानवाधिकार बहुत सम्मान से दिया जाता है। यहाँ के गा्रम सामुदाय और शहरी समुदाय अपने प्राकृतिक संसाधनों के लिए संरक्षण करने स्वंय आगे आते दिखते है। क्योंकि यहाँ की सामुदायिक अधिकार स्थानीय संस्थानों और समुदायों को प्राप्त है। इसलिए यहाँ की राजशाही अफ्रीकन-ऐशियन देशों के मुकाबले आर्थिक लोकतांत्रिक है।
डेनमार्कवासियों का जीवन स्तर बहुत ऊँचा है। देश की निम्न भूमि, ग्रामीण परंपराएं, भागीदारी की शक्ति और कृषि के आधुनिक ढंग और औज़ार यहाँ खेती और पशुपालन की ऊँची दर के प्रमुख कारण हैं। यहाँ मुख्यतः अनाज (जैसे जौ, जई, गेहूँ) उगाया जाता है और सुअरों, बकरियों और घोड़ों का पालन किया जाता है। इस देश में बहुत छोटी-छोटी 2 नदियाँ है। मेक्सिको की खाड़ी से आने वाली धाराओं के कारण यहाँ की जलवायु समशीतोष्ण है।
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पुरातात्विक खोजों के प्राचीनतम चिह्न 130000-11000 ई.पू. के मौजूद हैं।मानव उपस्थिति के चिह्न 12500 ईपू के हैं और 3900 ईपू के बाद से कृषि गतिविधियों के साक्ष्य मिले हैं। स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में डेनमार्क 8वीं सदी में अस्तित्व में आया। 1934 में डेनमार्क ने ग्रीनलैंड का औपनिवेशीकरण आरंभ किया, जिसपर 1937 तक अधिकार कर लिया गया। स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में डेनमार्क 9वीं सदी में अस्तित्व में आया। 1934 में डेनमार्क ने ग्रीनलैंड का औपनिवेशीकरण आरंभ किया, जिसपर 1937 तक अधिकार कर लिया था। 1940 के आरंभ में स्वीडन से स्वायत्ता प्राप्त की और 1523 में प्रथम राजा, गुस्ताव ए के द्वारा स्वतंत्रता प्रदान हुई है। 28 सितंबर, 2000 के एक जनमत संग्रह में अधिसंख्य लोगों ने यूरो क्षेत्र से जुड़ने के विरोध में मतदान किया जिसके परिणामस्वरूप यहाँ की मुद्रा अभी भी डैनिश क्राउन है।
डेनमार्क उत्तरी यूरोप में स्थित एक देश है। इसकी भू-सीमा केवल जर्मनी से मिलती है, जबकि उत्तरी सागर और बाल्टिक सागर इसे स्वीडन से अलग करते है। यह देश जूटलैंड प्रायद्वीप पर हजारों द्वीपों में फैला हुआ है। डेनमार्क ने लंबे समय तक बाल्टिक सागर को जाने वाले मार्गों को नियंत्रित किया है और इस जलराशी को डैनिश खाड़ी के नाम से जाना जाता है। इसके छोटे आकार के विपरीत इसकी समुद्री सीमा बहुत लम्बी है लगभग 7314 किमी। इस देश का क्षेत्रफल 43094 वर्ग किलोमीटर है और 2006 की जनगणना के अनुसार यहाँ की जनसंख्या 5633228 है। डेनमार्क अधिकांशतः एक समतल देश है और समुद्र तल से अधिकतम ऊँचाई वाला स्थान केवल 170 मीटर ऊँचा है। फ़रो द्वीप समूह और ग्रीनलैंड डेनमार्क के अधीनस्थ है। डेनमार्क बड़े-छोटे 405 द्वीपों को मिलाकर बना है।
डेनमार्क राजशाही एक संवैधानिक राजशाही है। जैसा की डेनमार्क के संविधान में निर्धारित है, यहाँ का शासक अपने कार्यकलापों के लिए उत्तरदाई नहीं है और उसके द्वारा निर्धारित व्यक्ति पुनीत होता है। औपचारिक रूप से शासक प्रधानमंत्री और अन्य मंत्रियों की नियुक्ति और अनियुक्ति करता/ती है। प्रधानमंत्री का चुनाव प्रथानुसार संसदीय दलों के नेताओं के बीच बातचीत के द्वारा किया जाता है।
*लेखक जलपुरुष के नाम से विख्यात जल संरक्षक हैं। प्रकाशित लेख उनके निजी विचार हैं।