[the_ad_placement id=”adsense-in-feed”]
– साक्षी पटवाल
नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन ने आज इस बात की चेतावनी देते हुए कहा है कि भारत के अंदर जुलाई में एक बार फिर से टिड्डियों के हमले होने की आशंका जताई जा रही है। केंद्र सरकार ने 16 राज्यों को सतर्क रहने को कहा है जिनमें इस हमले से बुरी तरह प्रभावित होने की आशंका है और इनमें राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्य भी शामिल है और यह खतरनाक स्थिति है क्योंकि वह हरी-भरी फसलों को नुकसान पहुंचाएंगे।
जून के मध्य तक बारिश हुई, तो स्थिति और खराब हो सकती है। टिड्डी दल के बढ़ते खतरे को देखते हुए कई राज्यों की सरकारों ने अलर्ट जारी किया है। इसी के साथ भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के महानिदेशक त्रिलोचन महापात्र ने बताया कि अब उनका ध्यान जूनजुलाई में मानसून की बारिश आने से पहले होने वाले प्रकोप को रोकना है जब टिड्डियां परिपक्व और प्रजन होगी और यदि इसे जल्दी नियंत्रित नहीं किया गया तो यह खरीफ फसलों के लिए खतरा बन सकती है। केंद्र सरकार टिड्डीयों के हमलों को रोकने के लिए राज्यों की सरकारों के साथ समन्वय कर रही है।
[the_ad_placement id=”content-placement-after-3rd-paragraph”]
टिड्डो के खतरे को देखते हुए पाकिस्तान ने भारत से हाथ मिलाया क्योंकि पाकिस्तान पिछले दो दशकों से अपने यहां टिड्डी का संक्रमण देख रहा है और स्थिति को मध्य नजर रखते हुए उसने अधिकारियों को राष्ट्रीय में आपातकालीन स्थिति बताई है। खाद्य और कृषि संगठन के अनुसार पाकिस्तान को कुल नुकसान सर्दियों की फसल पर 2 मिलीयन पाउंड्स का और गर्मियों की फसल पर करीब 2.3 बिलियन पाउंड्स का हुआ है।। इसलिए अब पाकिस्तान का कहना है कि वह भारत के साथ मिलकर टिड्डे के खिलाफ लड़ेगा। दोनों देशों के बीच क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वता होने के बावजूद भी वे संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन (FAO) के माध्यम से समन्वय कर रहे है, कि कैसे टिड्डे के खतरे को नियंत्रण में किया जाए। इसके लिए दोनों देश डाटा साझा कर रहे हैं और सप्ताहिक बैठकों में भाग ले रहे हैं। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि सभी देशों ने कमीशन फॉर कंट्रोलिंग द डेजर्ट लोकस्ट इन साउथ -वेस्ट एशिया द्वारा मदद की और सहमति दी तकनीकी और परिचालन समन्वय टीम बनाने के लिए, जिसके माध्यम से सभी सूचना का आदान प्रदान कर सकें, समन्वय बढ़ा सकें सीमावर्ती क्षेत्रों पर और सिंक्रनाइजेशन बढ़ा सकें। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने कहा कि देश हर सप्ताह होने वालीकमीशन की बैठकों में भाग ले रहा है जो कि पाकिस्तान और भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में सूचनाओं के आदान-प्रदान में उपयोगी है।
आखिरी प्रमुख टिड्डी उछाल 1993 में था, जब भारी बारिश ने भारत-पाकिस्तान सीमा पर कीड़ों के लिए अनुकूल प्रजनन की स्थिति पैदा की। भारत सरकार ने बताया कि 200 से अधिक टिड्डी सर्कल कार्यालय और अस्थायी शिविर सर्वेक्षण और नियंत्रण कार्य में लगे हुए हैं। कीटनाशक स्प्रे के लिए 89 फायर ब्रिगेड, 120 सर्वेक्षण वाहन, स्प्रे उपकरणों के साथ 47 नियंत्रण वाहन, 810 ट्रैक्टर घुड़सवार तैनात किए गए हैं, प्रभावी टिड्डो को अलग-अलग परिस्थिति के अनुसार नियंत्रण में करने के लिए। सरकार ने अतिरिक्त 55 वाहनों की खरीद के लिए आदेश दिया है और टिड्डी नियंत्रण संगठनों के साथ कीटनाशक (53,000 लीटर मैलाथियान) का पर्याप्त स्टॉक सुरक्षित किया है । नागर विमानन महानिदेशालय ने पायलटों को उड़ान भरते समय अतिरिक्त सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं और इसी के साथ आदेश भी दिया है कि टिड्डी दलों की जानकारी मिलने पर उनके समूह के बीच से उड़ान ना भरे क्योंकि बड़ी संख्या में वह विंडशील्ड से टकराकर पायलट की आगे देखने की क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं। उन्होंने यह भी सलाह दी है कि विंडशील्ड से टिड्डियों के टकराने पर बनी गंदगी को वाइपर से ना हटाए क्योंकि इससे गंदगी ज्यादा बड़ी जगह में फैल कर विजन को खत्म कर सकती है। सरकार ने राजस्थान को ₹14 करोड़ रुपए भी दिए हैं, जो कि 21 से अधिक जिलों में सबसे बुरी तरह प्रभावित राज्य हैं। सरकार ने गुजरात के लिए सुरक्षा वर्दी, स्प्रे उपकरणों और वाहनों की खरीद को भी मंजूरी दी है और इसी के साथ केंद्र ने ब्रिटेन से 15 छिड़काव मशीन मंगाई है। यूपी के कृषि विभाग ने अधिकारियों को जगह की पहचान कर रात में केमिकल का छिड़काव करने को कहा है। हरियाणा सरकार व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर किसानों को जानकारी दे रही है। पंजाब में हर जिले में मुख्यालय पर टिड्डी भगाने वाले स्प्रे का इंतजाम किया गया है। हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा, ऊना, बिलासपुर और सोलन जिले फील्ड ऑफिसर्स को तैयार रहने को कहा गया है।
इस साल कीटो ने फसलों और फसलों के व्यापक को नुकसान पहुंचाया और कीटों की वजह से सोमालिया, इथियोपिया, केन्या, इरिट्रिया और जिबूती सहित पूर्व अफ्रीकी देशों में खाद्य सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया है।
टिड्डों के अटैक से बचने के लिए अलग–अलग राज्यों ने अलग–अलग तरह की गाइडलाइन जारी की:
झांसी ग्रामीण क्षेत्र किसान व आमजन टिड्डी दल के पहुंचने की तत्काल जानकारी आपदा कंट्रोल रूम नंबर 0510-237 1100, 2371101 पर दे सकते हैं। किसान किसी भी दशा में टिड्डी दल को अपने खेत में ना आने दे, उन्हें तेज आवाज के माध्यम से भगाया जाना सुनिश्चित करें। रिजर्व वाटर बॉडीज पर विशेष सतर्कता बनाए रखें। क्षेत्र में तेज आवाज के साउंड सिस्टम की व्यवस्था अवश्य करें।निगरानी समितियां वह बीट कॉन्स्टेबल शाम 7:00 बजे तक टिड्डी दल के मूवमेंट की जानकारी अवश्य दें ताकि वह विश्राम करने बैठे तो उन्हें रसायन दवा के छिड़काव से मारा जा सके।
वही उड़ीसा सरकार ने अपनी गाइडलाइंस जारी कर किसानों को कहा कि नीम के बीज को पानी के साथ मिलाकर अपनी फसलों में स्प्रे करें जिससे कि वे अपनी फसलों को बचा सकते हैं। मध्य प्रदेश सरकार ने कहा कि टिड्डी दल का प्रकोप होने पर तत्काल स्थानीय प्रशासन और कृषि विभाग से संपर्क कर जानकारी दी जाए। किसान टोली बनाकर विभिन्न तरह के पारंपारिक उपाय जैसे शोर मचाकर, अधिक ध्वनि वाले यंत्रों को बजाकर पौधों की दलों से अपने खेत से टिड्डी दलों को भगा सकते हैं। यह भी कहा गया है कि यदि किसी क्षेत्र में शाम को टिड्डी दल का प्रकोप हो गया हो, तो तड़के 3:00 से सुबह 6:00 बजे तक तुरंत अनुशंसित कीटनाशक दवाओं का उचित अनुपात में पानी मिलाकर छिड़काव किया जाए। उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा है कि कंटेनर धातु की प्लेटों को पीटने और टिडियो को शोर मचाकर भगाने की सलाह दी गई है।
[the_ad_placement id=”sidebar-feed”]