प्राचीन काल से भारत में लेखन कला और लेखन शैली के विकास पर ताशकन्द में भारतीय राजदूतावास व लाल बहादुर शास्त्री सांस्कृतिक केन्द्र ने उज़बेकिस्तान कला अकादमी में एक चित्र प्रदर्शनी लगायी जिसके लिए ऐतिहासिक दस्तावेज खुदाबख्श लाइब्रेरी, पटना, सालारजंग म्यूजियम, हैदराबाद, लाल किला, दिल्ली और इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय कला अकादमी, नयी दिल्ली के सौजन्य से प्राप्त हुए।
सांस्कृतिक केन्द्र के निदेशक प्रो॰ चन्द्र शेखर जो कि दिल्ली विश्वविद्यालय से हैं और फारसी के विशेषज्ञ हैं, इस प्रदर्शनी के सूत्रधार हैं और उन्होंने मुझे और अकादमी के अध्यक्ष, जानेमाने चित्रकार अकमल नूरिद्दीनोव को कई रोचक बातें इन प्रदर्शित चित्रों के बारे में बतायीं। चूँकि हिन्दुस्तान में कई लेखनीकार मध्य एशिया से गये, उज़बेकिस्तान के लिए यह प्रदर्शनी बहुत प्रासंगिक है।