किसान अपने नजदीकी स्टेशन पर रेल यात्रियों के लिए चाय-पानी और छोटे बच्चों के लिए दूध लेकर पहुंचें :राकेश टिकैत
गाजियाबाद: नए कृषि कानूनों के विरोध में संयुक्त कृषि मोर्चा के किसान आज पूरे देश में रेल रोको आंदोलन करेंगे। मोर्चा के द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार आज दोपहर 12 बजे से चार बजे तक किसान अपने नजदीकी रेलवे स्टेशन पर जाकर रेल रोकेंगे। इस दौरान किसान सबसे पहले रेल का फूल मालाओं से स्वागत करेंगे और उसके बाद रेल यात्रियों से संवाद करेंगे। “इस दौरान आंदोलनकारी किसान रेल यात्रियों को पानी, दूध और चाय भी पिलांएगे। दूध की व्यवस्था बच्चों के लिए की गई है,” आंदोलनकारी किसान नेता राकेश टिकैत ने बताया।
बुधवार को टिकैत की भारतीय किसान यूनियन – जो मोर्चा की एक प्रमुख घटक है – ने अपने सभी कार्यकर्ताओं से दूध, चाय और पानी की व्यवस्था कर अपने नजदीकी रेलवे स्टेशन पर पहुंचाने का आह्वान किया है। टिकैत ने अपने कार्यकर्ताओं से रेल रोकने के दौरान शांति बनाए रखने को कहा । उन्होंने रेल यात्रियों से भी आह्वान किया कि किसान की बात सुनने के लिए वे भी अपना थोड़ा सा समय दें और आंदोलन में सहयोग करें। आंदोलनकारी किसान रेलवे स्टेशनों पर जाकर रेल यात्रियों से संवाद स्थापित करेंगे और उन्हें बताएंगे कि देश का अन्नदाता, जिसे अपने खेत में होना चाहिए था, करीब तीन माह से दिल्ली की सीमाओं पर पड़ा है। भारत सरकार उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार करे, इसके लिए वे रेल यात्रियों से समर्थन की अपील भी करेंगे।
गाजीपुर बार्डर आंदोलन कमेटी के सदस्य जगतार सिंह बाजवा ने बताया कि किसानों को सोशल मीडिया पर सही जानकारी उपलब्ध कराने के लिए और गुरूवार को रेल रोको आंदोलन को सफल बनाने के लिए सोशल मीडिया पर किसानों को सक्रिय करने की मुहिम तेज की जा रही है। बुधवार को दर्जनों किसानों को सोशल मीडिया की जानकारी दी गई।
बता दें की दिल्ली से सटे गाजियाबाद के यूपी गेट (गाजीपुर बार्डर) पर किसानों का आंदोलन जारी है। टिकैत ने कहा कि देश मे हर किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून चाहता है और साथ ही कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गांव में जाने की बात कर रही है “लेकिन गांव का किसान तो दिल्ली के दरवाजे पर है। दिल्ली पर बैठे किसानों में सरकार पाकिस्तानी, खालिस्तानी, ढूंढ रही है”। उन्होंने इन नेताओं का गांव गांव बहिष्कार करने का आह्वान करते हुए कहा कि किसानों को दिल्ली धरने पर सिस्टम बनाकर लगातार बैठना होगा। उन्होंने किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि उन्हें भाजपा के इन नेताओं से यह पूछना चाहिए कि
- “किसानों की लूट की छूट” को रोकने के लिए समर्थन मूल्य को कानून बनाने में क्या दिक्कत है?
- “चार वर्षों में गन्ने के रेट में एक पाई भी क्यों नहीं बढ़ाई? पिछले 3 साल में गन्ना पैदा करनी में लागत दोगुनी हों गयी है। आप किसान मिल मालिकों को लाभ देने के लिए गन्ना मूल्य नही बढ़ा रहे है?
- अब तक भी गन्ना किसानों के 15 हजार करोड़ का भुगतान क्यों नहीं किया गया?
- “आज तक किसी खालिस्तानी को ढूंढ नही पाए तो हमारे पवित्र आंदोलन को बदनाम क्यों कर रहे हो?”।
टिकैत ने कहा कि इन सवालों को लेकर भाकियू आगामी समय मे मध्य प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक ,पश्चिम बंगाल में किसान महापंचायत के माध्यम से किसानों को जागरूक करने का कार्य करेगी। “हम लगातार उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में पंचायतें कर रहे हैं। इन पंचायतों में हमें किसान-मजदूरों का अपार सहयोग मिल रहा है। किसान पंचायतों को सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। हम देश के सभी राज्यों में जाकर किसानों को अपने आंदोलन के साथ जोड़ेंगे। गुजरात, कर्नाटक, पश्चिमी बंगाल और यहां तक कि केरल जैसे सुदूर दक्षिण राज्य से भी किसान आंदोलन के साथ जुड़ रहे हैं और अपने राज्यों में किसान पंचायतों के लिए समय की मांग कर रहे हैं,” उन्होंने कहा।
राकेश टिकैत ने आगे कहा कि वह सभी राज्यों में जाकर पंचायतें करेंगे और सरकार की ओर से “थोपे गए” नए कृषि कानूनों के बारे में किसानों को जागरूक करने का काम करेंगे। एक सवाल के जबाब में उन्होंने कहा कि पश्चिमी बंगाल से लगातार लोग उनसे संपर्क कर रहे हैं और वहां पंचायतें कराना चाहते हैं। जल्द ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी जाएंगे और कृषि कानूनों के बारे में वहां के लोगों को बताकर समर्थन जुटाने का प्रयास करेंगे।
टिकैत के अनुसार आंदोलनकारी किसान जहां एक ओर लगातार भारत सरकार से बातचीत का आवाहन कर रहे हैं वहीं आंदोलन को धार देने में भी जुटे हैं। इसी कड़ी में गुरूवार को संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से पूरे देश में रेल रोको आंदोलन किया जा रहा है।
– ग्लोबल बिहारी ब्यूरो