व्यंग्य: भ्रष्टाचार पर हाहाकार आखिर क्यों? – अनिल शर्मा बात सूबे के एक मंडल में स्थित एंटी...
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व्यंग्य: शिमला यात्रा -डॉ. गीता पुष्प शॉ* श्रीमान-श्रीमती ने शिमला घूमने का कार्यक्रम बनाया।पटना में भयंकर गर्मी पड़...
व्यंग्य: टाइम नहीं है – डॉ गीता पुष्प शॉ* मुझे उनसे मिलना था और मेरे पास तो...
व्यंग्य: श्रीमती जुगाड़ू – डॉ. गीता पुष्प शॉ* श्रीमती जुगाड़ू को आप भी जानती होंगी। वे हमेशा...
व्यंग्य: पति-पत्नी संवाद में स्वाद – डॉ. गीता पुष्प शॉ* पति: कहाँ हो? पत्नी: इस्तरी कर रही हूँ। पति: तुम स्त्रियों को सुबह-सुबह इस्तरी करने की क्या सूझती है? पत्नी: दो बार चाय दे चुकी। नाश्ता दे चुकी आपकी शर्ट आयरन कर रही थी। यह लीजिए। पति: गुड-गुड! टाई नहीं मिल रही… पत्नी: अभी खोज कर देती हूँ। पति: जल्दी करो, वरना ऑफिस को देर हो जाएगी। पत्नी: देर रात तक टी.वी. देखते हैं। देर से उठते हैं। सुबह दो कप चाय के साथ जब तक पूरा अखबार घोलकर पी नहीं लेते तब तक न मुँह धोने जाते हैं, न नहाने। देर तो आप करते हैं, फिर चिल्लाते हैं। पति: सुबह- सुबह भाषण मत दो। इस देश में भाषण सुनते-सुनते लोगों के कान पक गए हैं। अब पब्लिक के पास टाइम नहीं है।...
व्यंग्य: कम आत्मा, सुखी परमात्मा! – डॉ. गीता पुष्प शॉ* परमात्मा भगवान ने समाचार पत्र देखा। हेड...
व्यंग्य – डॉ. गीता पुष्प शॉ* अखबार में जब से सरकार का यह निर्णय पढ़ा है कि...
व्यंग्य – डॉ. गीता पुष्प शॉ खाने वाले दूर से ही पहचाने जाते हैं कौन कहता है,...