बांदा: ताप को नियंत्रित करने के लिए गांववासियों ने रामधुन का शरण लिया। बांदा जनपद के अधांव के गांववासियों ने भोला उपवन में प्रकृति के बीच अमरूद और आंवला के पौधे के बीच रामधुन गाकर कर प्रार्थना की कि ईश्वर इस ताप को नियंत्रित करें।
जल संरक्षक रामबाबू तिवारी ने कहा कि प्रकृति में ही ईश्वर का वास है और भगवान हमारे पंच तत्व में विराजते हैं – ‘भ’ से भूमि, ‘ग’ से गगन, ‘व’ से वायु ‘अ’ से अग्नि ‘न’ से नीर। इसीलिए आज गांव में ईश्वर (प्रकृति)की पूजा कर बढ़ते तापमान को नियंत्रित करने हेतु व ईश्वर से प्रार्थना कर संदेश दिया गया गया कि गांव की खुशहाली एवं समृद्धि हेतु गांव में पौधे और बाग-बगीचे होना अति आवश्यक है।
“आज जहां जिस स्थान में हम रामधुन कह रहे हैं यहां के तापमान में और गांव के अंदर के तापमान में बहुत अंतर है, यह व्यावहारिक रूप से गांववासियों को दिखाने और समझाने के लिए बगीचे के पास रामधुन किया गया,” ,”उन्होंने कहा।
गांववासियों के अनुसार जिस प्रकार मंदिर के पास राम धुन गाकर हमारी ईश्वर से आस्था जुड़ती है उसी प्रकार से वे चाहते हैं कि उनकी आस्था भी प्रकृति नामक ईश्वर से जुड़े।उन्होंने कहा कि वे समझ गए हैं कि जब हमारी प्रकृति समृद्ध रहेगी तो निश्चित रूप से हम सभी समृद्ध रहेंगे।
रामधुन के साथ ही साथ अमित ने प्रकृति से संबंधित गीत गाकर गांववासियों को प्रकृति की संरक्षण संवर्धन हेतु संदेश दिया। उन्होंने गीत के भाव में कहा कि हम मनुष्य रूपी प्राणी अपने स्वार्थ हेतु अंधे हो चुके हैं अन्य जीव जंतु पशु पक्षियों नदी तालाबों पेड़ पौधों का ध्यान नहीं रखते जिस वजह से सूर्य देवता नाराज हो गए हैं और अपने ताप को बढ़ा दिए हैं।
गीत में कहा गया कि इस ताप को कम करने के लिए हमें सूर्य को बरसात की एक एक बूंद को खेत में रोककर जल धारना होगा, वृक्ष लगाकर पृथ्वी का श्रृंगार करना होगा, जहर मुक्त खेती करना होगा तभी हम इस ताप से बच सकते हैं।संगीत मंडली में रजनीकांत,बलराम दीक्षित,नंकीशोर,कल्लू,विनीत, राजू तिवारी, राजभईया,कालका, छोट्टन,रामसजीवन रहे।
– ग्लोबल बिहारी ब्यूरो