– प्रशांत सिन्हा
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस का कहना है कि जलवायु परिवर्तन पर अब त्वरित कार्रवाई करना बहुत ही आवश्यक है क्योंकि ग्लोबल वार्मिंग का युग अब ख़त्म हो गया है और ग्लोबल बॉयलिंग युग शुरू हो गया है। भारत भी इससे अछूता नहीं है। अनेक शहरों में इस बार वसंत के दिन गर्म थे। पश्चिम और मध्य भारत के कई शहर फरवरी में पिछले 50 सालों में सबसे अधिक गर्म रहे।
पिछले दिनों एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन द्वारा चेतावनी जारी किया गया था कि 2030 तक कई देशों में पारा इतना चढ़ जाएगा कि मनुष्य के लिए बर्दाश्त करना मुश्किल हो जाएगा। यह चेतावनी निराधार नहीं है। पिछले वर्ष में भी कई देशों ने बढ़ती गर्मी का कहर भुगता था। 2050 तक पृथ्वी का औसतन तापमान तीन डिग्री तक बढ़ जाएगा इस शोध को समझते हुए ऑस्ट्रेलियाई रक्षा बल के प्रमुख और रॉयल ऑस्ट्रेलियाई नेवी के एडमिरल क्रिसबेरी बताते हैं कि यह रिर्पोट इंसान और पृथ्वी की निराशा जनक स्थिति को दर्शाती है। यह रिर्पोट बताती है कि मानव जीवन अब भयंकर रुप से विलुप्त होने के कगार पर है और इसकी वजह है जलवायु संकट। जलवायु में तेजी से बदलाव मानव अस्तित्व के लिए खतरा बनता जा रहा है। धरती पर परमाणु युद्ध के बाद मानव जीवन को दूसरा बड़ा खतरा बढ़ते वैश्विक तापमान से है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिर्पोट में भी चेतावनी दी गईं थी कि हमारे पास धरती को बचाने के लिए बहुत ही कम समय रह गया है। अगर हमने कार्बन उत्सर्जन रोकने के लिए सही कदम नहीं उठाए तो 2050 तक इंसान भी विलुप्ति के कगार पर आ जाएंगे।
हमारे पास ज्यादा वक्त नहीं है। सभी देशों की सरकारों को अब मिलकर इसके लिए काम करना होगा। ग्लोबल वार्मिंग हीट वेव को अधिक गर्म और ज्यादा अवधि का बना दिया है। इसके चलते तूफान,बाढ़ और बेहिसाब बारिश की चरम स्थितियां भी बढ़ गईं हैं। यूरोप की गर्मी से करीब 61000 लोगों की जानें गयीं। विश्व विज्ञान संगठन के महासचिव पेटेरी तलास ने कहा कि जुलाई में जिस मौसम ने लाखों लोगों को प्रभावित किया है वह दुर्भाग्य से जलवायु परिर्वतन की भयानक वास्तविकता और भविष्य का संकेत है।
पूरे उत्तरी हिस्सों में रिकॉर्ड तापमान का अनुभव किया गया है। अमेरिका में फीनिक्स, एरिजोना जैसे शहरों में भीषण गर्मी की लहर के कारण 27 दिनों तक तापमान 43 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रहा। गर्मी से युरोप की हालत पस्त है और जर्मनी जैसे देशों में तो हर साल गर्मी से कई हज़ार मौतें हुईं। कॉपरनिकस और डबल्यू एम ओ के अनुसार मई के बाद से वैश्विक औसत समुद्री सतह का तापमान पिछले रिकॉर्ड की तुलना में काफी अधिक रहा है जो असामान्य रुप से गर्म जुलाई में योगदान दे रहा है। वर्ल्ड वेदर एड्रिब्यूशन ग्रुप के वैज्ञानिकों ने बताया चीन में ग्लोबल वार्मिंग के कारण तापमान कई गुणा होने की संभावना है।
वैश्विक तापमान का समाधान चुनौतीपूर्ण हो सकता है लेकिन पुरी तरह से असंभव नहीं है। जब संयुक्त प्रयास किए जाते हैं तो ग्लोबल वार्मिंग को रोका जा सकता है। इसके लिए व्यक्तियों और सरकारों दोनों को इसे प्राप्त करने की दिशा में कदम उठाने होंगे। हमें ग्रीन हाउस गैस को कम करने का प्रयास तेज करना चाहिए। इसके अलावा गैसोलीन की खपत पर नजर रखने की जरूरत है। हाइब्रिड कार पर स्विच करें और कार्बन डायऑक्साइड के उत्सर्जन को कम करें। नागरिक सार्वजनिक परिवहन या कार पूल को चुन सकते हैं। सिंगल यूज प्लास्टिक को पुरी तरह से अविलंब रोक लगाने की जरूरत है। रीसाइक्लिंग को भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। प्रत्येक नागरिक को ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने की आवश्यकता है। कॉम्पैक्ट फ्लोरोसेंट लाइट (सी एफ एल) बल्ब का उपयोग, कचरे का सही निपटारा , इस्तेमाल न होने पर बिजली के उपकरण बंद , अधिक पैदल या साइकिल का उपयोग , साबुन और डिटर्जेंट का कम प्रयोग , टपकते नल और पानी का बचाव करना आवश्यक है।