– अनिल शर्मा*
नई दिल्ली: खरमास बीत गया है और अब बजट सत्र के पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार की संभावना पर अटकलें जारी हैं। यह वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले का अंतिम मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है।
मंत्रिमंडल के विस्तार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा संगठन के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष के बीच मीटिंग होने की खबर भी है। मंत्रीमंडल के विस्तार में नागालैंड मिजोरम त्रिपुरा मेघालय में होने वाले विधानसभा चुनाव के साथ-साथ इसी वर्ष होने वाले तेलंगाना, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और केंद्रीय शासित जम्मू-कश्मीर सहित 10 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव तथा लोकसभा के 2024 के चुनाव को को भी ध्यान में रखकर यह मंत्रिमंडल का विस्तार होगा।
इस मंत्रिमंडल विस्तार में जहां कुछ कुछ नए नेताओं को जहां मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा वहीं कुछ पुराने मंत्रियों पर गाज गिरने की भी संभावना है। किस मंत्री के सर पर गाज गिरेगी और किसे मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है इसकी अटकलें तेज हो गयी हैं।
पार्टी इस कोशिश में भी है कि 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले कुछ उसके अन्य नए सहयोगी संगठन भी भाजपा के साथ गठबंधन करें। उत्तर प्रदेश जहां से लोकसभा की 80 सीटें हैं यहां केंद्र मे मंत्रिमंडल में ले जाने के लिए सांसद हरीश द्विवेदी राज सभा सांसद बाबूराम निषाद रमाशंकर कठेरिया को भी मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की संभावना है। तो वहीँ भाजपा के पूर्व उत्तर प्रदेश अध्यक्ष और सांसद महेंद्र नाथ पांडे, कौशल किशोर, साध्वी निरंजन ज्योति के ऊपर अच्छी परफारमेंस को लेकर, जबकि गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टोनी को लखीमपुर कांड में मैं उनके पुत्र के खिलाफ किसानों के हत्या के मामले वाले कांड के कारण हुई पार्टी की बदनामी को लेकर मंत्रिमंडल के विस्तार में उपरोक्त नेताओं के ऊपर गाज गिर जाए तो कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
इसी तरह मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, शहडोल से सांसद अनुसूचित जनजाति की नेत्री हेमांन्दॗीदेवी, किसान सूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा राज्यसभा सांसद लाल सिंह आर्य को केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री बनाया जा सकता।
जहां तक राजस्थान का सवाल है वहां इसी वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए मीणा और गुर्जर जाति के किसी भाजपा के प्रमुख नेता को केंद्रीय मंत्री बनाया जा सकता है। इसी तरह छत्तीसगढ़ में विधानसभा के चुनाव होने हैं इसके चलते भाजपा की प्रदेश अध्यक्ष और सांसद सरोज पांडे को मंत्रिमंडल में जगह मिलने की संभावना जताई जा रही है।
इसके अलावा बिहार में केंद्र के पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय राम विलास पासवान के पुत्र चिराग पासवान और जनता दल यूनाइटेड छोड़कर आए पूर्व मंत्री तथा पहले कभी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी रहे आरसीपी सिंह को भी मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की संभावना है।
जम्मू कश्मीर, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल तथा पूर्वोत्तर के राज्यों से भाजपा के प्रमुख नेताओं को मंत्री बनाया जा सकता है। इसी तरह भाजपा के सहयोगी अपना दल और निषाद पार्टी के नेताओं को मंत्रिमंडल में पदोन्नति मिल सकती है जबकि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जो शिवसेना के एक बड़े धड़े को लेकर अलग हुए हैं और भाजपा के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार चला रहे हैं इनके गुट से भी एक कैबिनेट मंत्री और एक राज्य मंत्री बनाए जाने की पूरी संभावना है।
*वरिष्ठ पत्रकार