नयी दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने आज एक महीने से भी कम समय में पार्टी संगठन में दूसरे बड़े फेरबदल की है। अब संगठन के प्रभारी के रूप में बीएल संतोष सहित नौ महासचिव, 13 सचिव और 13 उपाध्यक्ष हैं। भाजपा के नए केंद्रीय पदाधिकारियों की सूची में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के पूर्व कुलपति तारिक मंसूर का भी बतौर पार्टी उपाध्यक्ष नाम शामिल है।
2024 चुनाव के मद्देनज़र इस फेरबदल में उपाध्यक्ष और महासचिव के रूप में नए चेहरे शामिल हैं और मंसूर, जो पसमांदा मुस्लिम हैं, को उपाध्यक्ष बना पार्टी क्या खुद को अधिक समावेशी के रूप में पेश करना चाह रही है? तारिक मंसूर ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति का पद तब छोड़ दिया था जब भाजपा ने उन्हें उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य के रूप में नामित किया गया था। वह एएमयू के पहले मौजूदा कुलपति हैं जिन्हें विधान परिषद के नामित सदस्य के रूप में नामित किया गया था।
साथ ही पूर्व रक्षा मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता ए.के. एंटनी के बेटे अनिल एंटनी, जो हाल में ही भाजपा में शामिल हुए थे उन्हें भी पार्टी का राष्ट्रीय सचिव बनाया गया है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर सवाल उठाने वाले एक ट्वीट के लिए आलोचना झेलने के बाद अनिल एंटनी ने इस साल जनवरी में कांग्रेस छोड़ दी थी। वह अप्रैल में भाजपा में शामिल हुए थे।
पूर्व तेलंगाना इकाई प्रमुख, बंदी संजय कुमार को भी राष्ट्रीय महासचिव के रूप में शामिल किया गया है परन्तु भाजपा ने कर्नाटक के नेता सीटी रवि और असम से लोकसभा सांसद दिलीप सैकिया को अपने महासचिव पद से हटा दिया है।सूत्रों से संकेत मिलता है कि वे 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री और बिहार से लोकसभा सांसद राधा मोहन सिंह को पार्टी उपाध्यक्ष पद से हटा दिया गया है।
– ग्लोबल बिहारी ब्यूरो