रविवार विशेष: बापू की राह
बापू की राह
हम गांधी बापू की कथा सुनाते हैं
बड़ी सभा में व्याख्यान करवाते हैं
दो अक्तूबर, तीस जनवरी मनाते हैं
इन दिनों बापू हमें बहुत याद आते हैं
चुप रह नहीं पाते इतना हमें सताते हैं
बापू को भावभीनी श्रद्धांजलि देते हैं
सोशल मीडिया पर खूब जमे तहलका मचाया
आपस में उलझे जन जन तक नहीं पहुंच पाया
गांधी गांधी हां गांधी अरे भाई हां गांधी
इतने जोश से सजाया है आएगी आंधी
हम विचार को सारे जग में पहुंचाएंगे
नाम तो पहुंचा है हम गांधी गीत गाएंगे
गांधी जी ने क्या कहा यह बतलाएंगे
इस तरह दुनिया में जागृति फैलाएंगे
सत्य ही ईश्वर है, मेरा जीवन ही मेरा संदेश है
एकादश, आश्रम, अंतिम व्यक्ति, सादा भेष है
सहजता, सरलता, सादगी, सक्रियता, साझापन
प्रकृति, प्राणी, वनस्पति, जग में देखा अपनापन
गांव, ग्रामोद्योग, नई तालीम, सर्व धर्म सम्मान
सदभावना, सौह्रार्द, स्वावलंबन, स्वाभिमान
कौमी एकता, खादी, अस्पृश्यता निवारण
शराबबंदी, सफाई, आरोग्य, मजदूर, किसान
आदिवासी, कोढ़ी, औरत, विद्यार्थी, सभी भाषा
आर्थिक समता, बड़ों की तालीम, इनसे आशा
इन पर चले इनको नकारा या कुछ अपनाया
मेरे सपनों के भारत को मिलकर कभी सजाया
कर्म काण्ड में फंसकर कहां जा रहे हो
भय मुक्ति का महामंत्र भूलते जा रहे हो
आगे कैसे जाओगे, मेरे मर्म को समझ पाओगे
या मुझे भी आधुनिकता हेतु नरम ही बनाओगे
निकालो अपने आप को इस भाव और भ्रम से
नया सोचें चिंतन-मनन मेहनतकश बने श्रम से
मुझसे आगे जाओ विचार को आगे बढ़ाओ
शोधकर्ता बनो नया जोड़ो नया नया बनाओ
चिपकना रुढ़िवाद कर्म काण्ड बढ़ाता है
एक और नया जग में मजहब बनाता है
इससे बचकर आगे अपने कदम बढ़ाओ
अपने जीवन में अपनाकर विचार फैलाओ
तभी विचार मजे से फलेगा फूलेगा
जन जन से लेकर जग तक झूलेगा
जल चक्र की तरह विचार जब तक चलती है
तपकर सागर से बादल बूंद बर्फ नदी बहती है
बना सकते हो तो कुछ ऐसा ही बनाओ
मेरे विचार को कर्म काण्ड मत बनाओ
हड़ताल, धरना, पिकेटिंग, सत्याग्रह, जन रैली,
रचनात्मक कार्य, सत्य, प्रेम, करुणा, जीवन शैली
धोती, चद्दर, चश्मा, माला, राम, लाठी, लंगोटी,
तीसरा दर्जा, सादगी, सत्य, अहिंसा कसौटी।