संस्मरण
– डॉ. राजेंद्र सिंह*
परिवर्तनों के बाद भी अपनी मूल सभ्यता और संस्कृति बनाये रखने वाला देश ग्रीस
ग्रीस में अभी भी अफ्रीकन और मध्य एशिया के लोग देखने को मिल जाते है। यह रोजगार देने वाला सक्षम और समृद्ध राष्ट्र है। इस राष्ट्र ने बहुत उतार-चढ़ाव देखे है, फिर भी अपनी मूल सभ्यता और संस्कृति को बनाये रखा है। ऐसा उन्हीं देशों के साथ होता है, जिनके लोग अपनी जीवन पद्धति, जीवन-जीविका-जमीर और संस्कृति को सम्मान से जीना चाहते है। जो देश अपनी विरासत को पहचान लेता है, वह लम्बे समय तक अपने मूल दर्शन के साथ टिका रहता है। दुनिया के ऐसे कुछ देशों में ग्रीस भी एक देश है। जो अपने राष्ट्र की मूल आत्मा को बनाये रखने का प्रयास करता है। इस देश में विस्थापितों का आना-जाना सदैव बना ही रहा है। सीरियाई भू-भाग से उजड़कर हजार-दो हजार नहीं, लाखों की आबादी फिर ग्रीस और यहाँ से टर्की भी जा रहे है। इस देश ने भी बहुत सी उथल-पुथल भुक्ती है, लेकिन यह आज भी सक्षम और समृद्ध राष्ट्र दिखता है और अभी तक अपनी सभ्यता की अस्मिता को बचाकर रखा है।
विश्व जल मंच में इस देश के ज्यादा सदस्य नहीं है। इस देश की विश्व जल मंच में अधिक रूचि नहीं है। मेरी बातचीत में यहाँ के लोगों ने खासतौर पर कहा कि विश्व जल मंच जल के लुटेरों का मंच है। इसलिए हमें उसमें कोई दिलचस्पी नहीं है। मैं उन लोगों के नाम इसलिए नहीं लिख रहा हूँ क्योंकि, उन्होंने कहा था कि, मेरा नाम मत लिखिए। मेरा जिन लोगों से बातचीत हुई वह बड़े राष्ट्रवादी सैद्धांतिक जीवन जीने वाले लोग है। इसके कुल क्षेत्र का केवल 1/4 भाग कृषि योग्य है।
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यूनान या ग्रीस यूरोप महाद्वीप में स्थित देश है। पर्वत श्रेणियाँ इसके 3/4 क्षेत्र में फैली हुई है। पश्चिम भाग में पिंडस पर्वत समुद्र और तटरेखा के समांतर लगातार फैला हुआ है। सर्वप्रमुख बंदरगाह इसी झालरदार द्वीप का निर्माण करती है। सर्वप्रमुख बंदरगाह इसी झालरदार द्वीप पर स्थित है और समीपवर्ती ईजियन समुद्र लगभग 2000 द्वीपों से भरा हुआ है। ये एशिया और यूरोप के बीच में सीढ़ी के पत्थर का काम करते है। देश का कोई भी भाग समुद्र से 80 मील से अधिक दूर नहीं है। इस देश में थ्रोस, मैसेडोनिया और थेसाली केवल तीन विस्तृत मैदान है।
इस देश का इतिहास बहुत पुराना है। प्राचीन यूनानी लोग ईसापूर्व 1500 ईस्वी के आसपास इस द्वीप पर आए जहाँ पहले से आदिम लोग रहा करते थे। सन् 335 ईसापूर्व के आस-पास मकदूनिया में सिकन्दर का उदय हुआ। उसने लगभग सम्पूर्ण यूनान पर अपना आधिपत्य जमाया। इसके बाद फारसी साम्राज्य की ओर बढ़ा। सिकन्दर के बाद सन् 117 ईसापूर्व में यूनान पर रोम का नियंत्रण हो गया। सन् 1821 में तुर्कों के नियंत्रण से मुक्त होने के बाद स्वतंत्रता रही है, पर यूरोपीय शक्तियों का प्रभाव यहाँ भी देखने को मिला है। द्वितीय विश्वयुद्ध में जर्मनों ने यहाँ कुछ समय के लिए अपना नियंत्रण बना लिया था। इसके बाद यहाँ गृह युद्ध भी हुए। सन् 1975 में यहाँ गणतंत्र स्थापित कर दिया गया था।
यहाँ के लोगों को यवन कहते है। अंग्रेजी तथा अन्य पश्चिमी भाषाओं में इन्हें ग्रीक कहा जाता है। यह भूमध्य सागर के उत्तर-पूर्व में स्थित द्वीपों का समूह है। प्राचीन यूनानी लोग इस द्वीप से अन्य कई क्षेत्रों में गए जहाँ वे आज भी अल्पसंख्यक के रूप में मौजूद है, जैसे तुर्की, मिस्र, पश्चिमी यूरोप इत्यादि। इस देश का कुल क्षेत्रफल 131945 वर्ग किलोमीटर तथा वर्ष 2005 की जनगणना के अनुसार यहाँ 11244118 जनसंख्या है। ग्रीस की सबसे आकर्षक भौगौलिक विशेषता उसके पर्वतीय भाग, बहुत गहरी कटी-फटी तट रेखा तथा द्वीपों की अधिकता है।
*लेखक जलपुरुष के नाम से विख्यात जल संरक्षक हैं। प्रकाशित लेख उनके निजी विचार हैं।