गाजियाबाद: पिछले दो दिनों से दिल्ली से सटे गाजियाबाद के गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन के एक साल पूरा होने के मौके पर 26 नवंबर को शक्ति प्रदर्शन और 29 नवंबर 2021 को संसद भवन पर ट्रैक्टर से कूच करने के लिए भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता राकेश टिकैत ने पदाधिकारियों को तैयार रहने का मंत्र दिया है।
भाकियू के अनुसार जब दोपहर बाद समीक्षा बैठक के बाद आज जब कार्यकर्ताओं ने बॉर्डर पर मार्च निकाला और दिल्ली कूच का ऐलान किया तो “उत्तर प्रदेश (यूपी) और दिल्ली पुलिस के होश उड़ गए”।
समीक्षा बैठक के बाद अचानक भाकियू कार्यकर्ता नारे लगाते हुए मार्च पास्ट करने लगे और मंच के सामने से दिल्ली की ओर बढ़ चले। अचानक सैकड़ों की संख्या में किसानों को दिल्ली की ओर आता देख बैरिकेड्स पर तैनात दिल्ली पुलिस ने तुरंत मोर्चा संभाला और किसानों को जाने से रोकने के लिए खोले गए बैरिकेड्स बंद कर दिए। इस दौरान भाकियू के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि उन्हें बताया गया था कि दिल्ली पुलिस ने रास्ता खोल दिया है और अब बेरोकटोक पैदल या वाहन से लोग दिल्ली जा सकते हैं।
भाकियू तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) का एक घटक है। मलिक ने कहा कि एसकेएम के आह्वान के मुताबिक किसान ट्रैक्टरों से 29 नवंबर को दिल्ली जाएंगे इसलिए आज दिल्ली जाने के लिए पैदल मार्च का रिहर्सल किया गया था। उन्होंने दिल्ली की ओर से रास्ता खोलने को नाटक करार दिया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद पुलिस ने दिखावे के लिए रास्ता खोला है और इसका आज पुख्ता सबूत मीडिया के सामने भी आ गया जब किसानों को बैरिकेड्स लगातार तुरंत दिल्ली पुलिस ने रोकने का काम किया।
“दिल्ली के बैरिकेडिंग पर नारे लगाते पहुंचे भाकियू कार्यकर्ताओं को अचानक देख दिल्ली पुलिस के होश उड़ गए। अचानक अफसरों को सूचित किया गया। मीडिया का जमावड़ा लग गया। कुछ देर बाद ही कार्यकर्ता अपने कैंपों में लौटने लगे और इस मार्च को रिहर्सल बताया तब जाकर पुलिस ने राहत की सांस ली,” भाकियू के मीडिया प्रभारी धर्मेन्द्र मलिक ने कहा।
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मलिक ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा के 26 नवंबर को शक्ति प्रदर्शन और 29 नवंबर को संसद भवन पर ट्रैक्टर से कूच करने की कड़ी में ही गाजीपुर बॉर्डर पर पश्चिम यूपी के मंडलों व जिलों के पदाधिकारियों की समीक्षा बैठक बुलाने का सिलसिला जारी किया गया है। गुरुवार को मेरठ मंडल की समीक्षा बैठक के बाद शुक्रवार को मुरादाबाद मंडल की समीक्षा बैठक बुलाई गई थी। समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि एक साल होने को है और सरकार किसानों की बात सुनने को तैयार नहीं है। बिना मांग मनवाए किसान बॉर्डर नहीं छोड़ेंगे इसलिए अब सभी जिलों के पदाधिकारी और कार्यकर्ता लंबे आंदोलन के लिए कमर कस लें। अपने-अपने टैंटों को दुरुस्त करें और खाने-पीने से लेकर सर्दी के मौसम में जरूरत के सामान के साथ बॉर्डर पर उपस्थिति सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि लड़ाई लंबी चलेगी क्योंकि सरकार किसानों को थकाना चाहती है और किसान थकने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट कंपनियों के हवाले एक बार फसलों का व्यापार हुआ तो किसान तबाह हो जाएगा और उसे घाटे के कारण खेतों को भी इन कंपनियों को बेचने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। अब दो ही विकल्प किसानों के सामने हैं या तो खेती-बाड़ी इन कंपनियों के हवाले कर अपने ही खेत में मजदूर बन जाएं या इनका विरोध कर आने वाली पीढ़ियों के लिए इस खेती को सुरक्षित करें।
राकेश टिकैत ने कहा कि सरकारों का मुकाबला करने के लिए मीडिया के माध्यमों को भी सशक्त बनाना होगा। पढ़े लिखे किसानों और खासकर नौजवानों को फेसबुक, ट्वीटर, इस्टाग्राम जैसे माध्यमों से भी इस आंदोलन को चलाना होगा ताकि” किसानों को बरगलाने वाली मीडिया रिपोर्ट्स से बचाया जा सके”।
– ग्लोबल बिहारी ब्यूरो