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नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) की परिभाषा में बदलाव किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योग पर कई अहम फैसले लिए गए हैं. सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडे़कर और एमएसएमई मिनिस्टर नितिन गडकरी ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी दी।
क्या है एमएसएमई की नई परिभाषा
मालूम हो कि पीएम मोदी द्वारा पिछले महीने 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज के ऐलान के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सिलसिलेवार 5 प्रेस कॉन्फ्रेंस की थीं। इन्हीं में उन्होंने एमएसएमई की परिभाषा बदलने का भी ऐलान किया था।
अब मध्यम उद्यमों के लिए टर्नओवर की सीमा को बढ़ाकर 250 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इस फैसले के पीछे सरकार का लक्ष्य एमएसएमई के दायरे का विस्तार करना है।
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के ऐलान के अनुसार, सूक्ष्म उद्यम की परिभाषा के तहत निवेश की सीमा 1 करोड़ रुपये और सालाना टर्नओवर की सीमा 5 करोड़ रुपये होगी। इसी तरह लघु उद्यमों के तहत निवेश सीमा 10 करोड़ रुपये तक और टर्नओवर की सीमा 50 करोड़ रुपये तक होगी। मध्यम उद्यम उसे माना जाएगा जिनमें निवेश 20 करोड़ रुपये तक और सालाना टर्नओवर 100 करोड़ रुपये तक होगा।
एम एस एम ई दो प्रकार के होते हैं। पहला, मैनुफैक्चरिंग उद्यम यानी उत्पादन करने वाली इकाई। दूसरा, सर्विस एमएसएमई यानी सेवाएं देने वाले उद्यम।
Read in English: Cabinet approves Upward revision of MSME definition
सूक्ष्म उद्योग: अब सूक्ष्म उद्योग के अंतर्गत ऐसे उद्यम आएंगे, जिनमें एक करोड़ रुपये का निवेश और टर्नओवर 5 करोड़ तक होगा. यहां निवेश से मतलब मशीनरी वगैरह में निवेश शामिल है. यह परिभाषा मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर दोनों क्षेत्र के उद्यमों पर लागू होगी।
लघु उद्योग: उन उद्योगों को लघु उद्योग की श्रेणी में रखा जाएगा जिनका मशीनरी आदि में निवेश 10 करोड़ और टर्नओवर 50 करोड़ रुपये तक होगा। यह निवेश और टर्नओवर की सीमा मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस दोनों उद्यमों पर लागू होगी।
मध्यम उद्योग: मैनुफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर के ऐसे उद्यम जिनमें 50 करोड़ का निवेश और 250 करोड़ टर्नओवर है वह मध्मम उद्योग में आएंगे. एक्सपोर्ट का टर्नओवर इसमें नहीं जोड़ा जाएगा।
एमएसएमई को लेकर कैबिनेट की घोषणाओं के बारे में जानकारी देते हुए उद्योग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि मुश्किल में फंसे दो लाख के लिए 20,000 करोड़ सबॉर्डिनेट डेट का प्रावधान किया गया है।इसके अलावा सरकार सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट के तहत 4,000 करोड़ रुपये की मदद करेगी।
गड़करी ने कहा कि बैंकों से अपेक्षा की जाती है कि वे एमएसएमई के प्रमोटरो को इकाई में अपनी मौजूदा हिस्सेदारी के 15% के बराबर सबॉर्डिनेट डेट प्रदान करें, जो अधिकतम 75 लाख रुपये होगी. इसी तरह, सरकार ने घोषणा की कि वह 10,000 करोड़ रुपये के कोष के साथ एक फंड ऑफ फंड की स्थापना करेगी. इससे एमएसएमई को इक्विटी फंडिंग में मदद मिलेगी।
हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एमएसएमई सेक्टर के लिए बड़ा एलान किया था। उन्होंने कहा था कि इस सेक्टर के लिए 3 लाख करोड़ रुपये तक के लोन की गारंटी सरकार देगी. एमएसएमई भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। एमएसएमई का मतलब सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम है। ये देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में लगभग 29 फीसदी का योगदान करते हैं। एमएसएमई सेक्टर देश में रोजगार का सबसे बड़ा जरिया है। इनसे 11 करोड़ लोगों को रोजगार मिला है।
एमएसएमई का जीडीपी में योगदान
इस समय भारत में लगभग 6.34 करोड़ एमएसएई इकाइयाँ हैं, जो विनिर्माण जीडीपी में लगभग 6.11 फीसदी और सर्विस जीडीपी में करीब 24.63 फीसदी योगदान करती हैं। वहीं देश के विनिर्माण उत्पादन में इनका योगदान 33.4 फीसदी। ये 11 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार भी प्रदान करती हैं।
क्या कहा संगठनों ने
गौरतलब है कि सरकार ने एमएसएमई को निवेश और सालाना टर्नओवर के आधार पर परिभाषित करने का प्रस्ताव रखा है।
लघु उद्योग भारती के महासचिव गोविंद लेले ने कहा, ‘हम इस परिभाषा से सहमत हैं, लेकिन सरकार को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि सिर्फ उन्हीं उद्यमों को एमएसएमई का दर्जा दिया जाए जिनका प्रभावी नियंत्रण भारतीय हाथों में है।
स्वदेशी जागरण मंच के सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने कहा, ‘इसमें उद्यमों की जगह इंडस्ट्री को रखना चाहिए. मैन्युफैक्चरिंग से ज्यादा नौकरियां मिलती हैं, इसलिए हमें उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए. गैर मैन्युफैक्चरिंग फर्म को यदि एमएसएमई के दायरे में लाते हैं, तो सारे फायदे वही ले जाएंगे.’ महाजन ने भी लघु उद्योग भारती की इस मांग का समर्थन किया कि सिर्फ भारतीय उद्यमों को एमएसएमई का दर्जा मिले।[the_ad_placement id=”sidebar-feed”]
Good job
Nice thnx for information