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– खुशबू और साक्षी पटवाल
अयोध्या: सुप्रीम कोर्ट के फैसले और केंद्र सरकार की पहल के बाद अयोध्या में रामजन्मभूमि पर राममंदिर निर्माण की कवायद शुरू हो चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच अगस्त को अयोध्या में भूमि पूजन करेंगे, जिसके बाद से राममंदिर बनाने का काम तेजी से शुरू हो जाएगा। परन्तु साथ ही केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के इनपुट कि मंदिर शिलान्यास के दौरान आतंकी साजिश की सम्भावना है, उत्तर प्रदेश में सभी जिलों को अलर्ट किया गया है । अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर अफ़ग़ानिस्तान में प्रशिक्षित फिदायीन के द्वारा हमले की साजिश रची गई है। यूपी के साथ कश्मीर घाटी को लेकर भी अलर्ट किया गया। इंडो नेपाल बॉर्डर सीमा पर सशस्त्र सीमा बल के साथ यूपी एंटी टेररिज्म स्क्वाड सक्रिय की गई है। इसी के साथ भूमि पूजन से पहले उत्तर प्रदेश के अयोध्या में 5 अगस्त से लेकर 15 अगस्त तक हाई अलर्ट रहेगा।
उत्तर प्रदेश के सभी जिलों के महत्वपूर्ण स्थान बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन पर सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस महानिदेशक मुख्यालय ने आगरा, मथुरा, मेरठ, कानपुर, प्रयागराज, गोरखपुर, वाराणसी और लखनऊ समेत कई शहरों को हाईअलर्ट पर रहने का आदेश दिया है। प्रदेश भर के सभी महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों और धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद करने के निर्देश दिए गए हैं। केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने यूपी में आतंकी हमले का अलर्ट भेजा था।
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एडीजी आशुतोष पाण्डेय को अमेठी, एडीजी अशोक कुमार सिंह को गोंडा, एडीजी रामकुमार को बहराइच, आईजी विजय प्रकाश को सुल्तानपुर, आईजी पीयूष मोर्डिया को अम्बेडकरनगर, आईजी एके राय को बस्ती की कमान सौंपी गई है। आईजी विजय भूषण को बाराबंकी, डीआईजी पीटीसी उन्नाव चंद्र प्रकाश को महराजगंज और डीआईजी प्रशासन आरके भारद्वाज को सिद्धार्थनगर जिले की कमान सौंपी गई है।
प्रधानमंत्री मोदी 5 अगस्त को दोपहर 12:15 बजे अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन करने वाले हैं । श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा भेजे गए भूमि पूजन की तारीख पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने मुहर लगा दी है। आयोजन को कोविड-19 के प्रोटोकाॅल के अनुरूप सम्पन्न कराने के लिए सभी प्रबन्ध सुनिश्चित किए जायेंगे।
ज्ञात हो कि 18 जुलाई शनिवार रात करीब 11 बजे ट्रस्ट के अध्यक्ष की रामदास छावनी में अनौपचारिक मीटिंग हुई थी जिसमे राम मंदिर के भूमिपूजन को अंतिम रूप दिया गया था। राम मंदिर का डिजाइन तैयार करने के लिए चंद्रकांत सोमपुरा के दोनों पुत्र निखिल व आशीष भी बैठक में मौजूद थे। सोमपुरा मार्बल्स के कर्ताधर्ता निखिल बताते हैं, ‘सभी स्तम्भ और पत्थर पहले के डिजाइन के मुताबिक तराशे गए थे। हालांकि, अभी भी उन्हीं को काम में लिया जाएगा लेकिन नए डिजाइन के तौर पर सिर्फ दो अतिरिक्त मंडपों को जोड़ा गया है। ट्रस्ट के अध्यक्ष ने फैसला लिया है कि अब मंदिर में तीन की बजाय पांच मंडप होंगे। निखिल ने कहा कि यह उनके और उनके परिवार के लिए गर्व का विषय है कि उन्हें मंदिर निर्माण का कार्य मिला है। जिसके मुताबिक, राम मंदिर का आकार दोगुना होंगा और तीन एकड़ की जमीन में बनाया जाएगा। परिसर का भी विस्तारीकरण होगा। निखिल सोमपुरा के मुताबिक, मंदिर लगभग साढ़े तीन साल में तैयार हो जाएगा।
संतों की ओर से हो रही मंदिर के विस्तार की मांग को भी ट्रस्ट ने गंभीरता से लिया। अब मंदिर में तीन की जगह पांच गुंबद होंगे। इससे उसकी लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई बढ़ जाएगी। निखिल सोमपुरा ने बताया, ‘पहले 1988 में डिजाइन बनाया गया था। अब 30 साल हो चुके हैं, ऐसे में कुछ बदलाव किए गए हैं। पहले मंदिर की ऊंचाई 141 फीट होनी थी लेकिन अब इसे बढ़ाकर 161 फीट किया जाएगा।’ आपको बता दें कि मंदिर के मूलभूत ढांचे का काम एल ऐंड टी कंपनी को मिला है। वहीं, मंदिर में लगने वाले पत्थरों और टाइल्स का काम सोमपुरा मार्बल्स को दिया गया है। इस दौरान मंदिर की नींव के 2000 फीट नीचे टाइम कैप्सूल भी रखा जाएगा ताकि भविष्य में यदि कोई मंदिर के इतिहास का अध्ययन करना चाहे तो उसे केवल राम जन्मभूमि से संबंधित तथ्य मिलें। इसकी जानकारी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने दी।
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