– रमेश चंद शर्मा
माँ नदी
माँ स्वस्थ हो, रोगी हो
दूर हो या पास
मर गई हो या जिंदा।
माँ की ममता
याद, सम्मान, स्नेह
आशीर्वाद बना रहता है
हर सच्ची औलाद में।
नदियां माँ हैं इनको भूलो मत
इन्हें याद करो।
माँ की तरह ममता, याद, सम्मान, स्नेह, आंचल
पोषण जल मिलेगा, जंगल मिलेगा
प्राण मिलेगा, प्राणी मिलेगा
जीव मिलेगा, जन्तु मिलेगा।
जीवन मिलेगा, बिंदु मिलेगा
सिंधु मिलेगा,गागर मिलेगा
सागर मिलेगा, सहारा मिलेगा
नदी का किनारा मिलेगा।