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मुद्दा
– डॉ. राजेंद्र सिंह*
आज गंगा भक्तों के साथ हुई वेविनार में सर्व सम्मति से भारत के सभी राज्यों के 108 स्थानों पर मां गंगा की आजादी हेतु अभी तक हुई पांच संतों के बलिदान के सातत्य, स्वामी शिवानंद जी के सत्याग्रह में एक दिन का सामूहिक उपवास करने का निर्णय हुआ। जो कल 10.08.2020 को होगा। राजस्थान के अलवर जिले के भीकमपुरा गांव में मेरे सहित , तरुण भारत संघ के सभी कार्यकर्ता एवं ग्रामवासी उपवास पर बैठेंगे। उदयपुर से डॉ. तेज राजदान, केरल से श्री राजगोपाल जी तथा कोटा से ब्रजेश वर्गीय भी अपने साथियों के साथ एक दिन का उपवास करेंगे। इसी प्रकार पूरे भारत में यह सामूहिक उपवास होगा।
आप जानते है कि प्रो. जी.डी. अग्रवाल जी के बलिदान के बाद स्वामी शिवानंद सरस्वती जी 3 अगस्त 2020 से हरिद्वार के मातृ सदन में आमरण अनशन कर रहे है। वो केवल 1.5 लीटर गंगा जल ही ग्रहण करते है।
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उदयपुर, गंगा नदी बेसिन में बसे उदयपुर को गंगा जी का पांचवा पाया माना जाता है। गांव गांव गंगोदभव कुंड संरंचनाये इसका प्रमाण है।
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गंगा जी निर्मल, अविरल बनी रहे इसके लिए उदयपुर के झील व नदी प्रेमी सोमवार को उपवास रखेंगे। गंगा जी के लिए सत्याग्रही स्वामी सानंद जी ( डॉ जी डी अग्रवाल, पूर्व हेड, आई आई टी कानपुर) ने अपना जीवन उत्सर्ग कर दिया। उसी क्रम में अब स्वामी शिवानंद जी सत्याग्रह कर रहे है। शिवानंद जी के संकल्प को पूर्ण करने के लिए मेरे आह्वान पर झील संरक्षण समिति, झील मित्र संस्थान गांधी मानव कल्याण समिति से जुड़े पर्यावरण प्रेमी एक दिवस उपवास रखेंगे। डॉ तेज राज़दान, तेज शंकर पालीवाल, नंद किशोर शर्मा, द्रुपद सिंह, राम चन्द्र गहलोत, दिगम्बर सिंह सहित कई झील प्रेमी सांकेतिक उपवास रखेंगे।
उल्लेखनीय है कि सोमवार को देश भर में 108 स्थानों के पर्यावरण प्रेमी भारतीय संस्कृति व श्रद्धा की केंद्र निर्मल अविरल गंगा के लिए उपवास करेंगे। इस संबंध में डॉ तेज राज़दान व डॉ अनिल मेहता ने कहा कि उदयपुर संभाग की नदियों में भी अतिक्रमण , खनन बड़ी समस्या है। तेज शंकर पालीवाल , नंद किशोर शर्मा ने कहा है कि नदियों के जलग्रहण क्षेत्र में पेड़, पहाड़ कट रहे है। सोमवार का उपवास गंगा जी, उनकी सहायक नदियों को अवरोध, अतिक्रमण,खनन से मुक्त करने के संकल्प के अनुक्रम में है।
*लेखक जलपुरुष के नाम से विख्यात, मैग्सेसे और स्टॉकहोल्म वॉटर प्राइज से सम्मानित, पर्यावरणविद हैं। प्रकाशित लेख उनके निजी विचार हैं।
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हम माँ गंगा के अविरल धारा प्रवाह के लिये सतत संघर्ष व प्रयत्न करते रहेंगे।
ईंट माँ गंगे …