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विश्व पर्यावरण दिवस 2020: जैव-विविधता और कोरोना महामारी
हम इंसानों और पर्यावरण के बीच बहुत गहरा संबंध है। प्रकृति के बिना हमारा जीवन संभव नहीं है। हम अक्सर अपने पर्यावरण को बचाने की बाते करते रहते हैं। हर साल की तरह, इस बार 47वां विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून, 2020 को मनाया गया।जिसका थीम जैव विविधता रखा गया ताकी लोगों को पर्यावरण की अहमियत, इंसानों व पर्यावरण के बीच के गहरे ताल्लुकात को समझाते हुए प्रकृति के संरक्षण के लिए प्रेरित किया जा सके।
एक तरफ देखे तो दुनिया में कोरोना वायरस महामारी के कारण देशों ने लॉक डाउन लगा हुआ है। वैश्विक आंकड़े बता रहे हैं कि पिछले 60 वर्षों में किए गए तमाम प्रयासों और जलवायु परिवर्तन के असंख्य वैश्विक समझौतों के बावजूद पर्यावरणीय स्थिति में वो सुधार नहीं हो पाया था। जो पिछले 60 दिनों में वैश्विक लॉकडाउन के चलते हुआ है।कोरोना संकट के दौरान प्रकृति का नया रूप सामने आया है, जो बताता है कि यह दुनिया बहुत खूबसूरत है और इसे पर्यावरण को बेहतर बनाकर और सुंदर बनाया जा सकता है।
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हर साल, इस दिन, हर राज्य के मुख्यमंत्री आमतौर पर पौधे लगाने के लिए मैदान में जाते थे और अन्य विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता था। लेकिन इस साल, कोरोना वायरस महामारी के कारण विश्व पर्यावरण दिवस समारोह अलग ढंग से बनाया गया।ऐसे में ‘सोशल डिस्टेंसिंग’ का पालन करते हुए देश के कई राज्यों के मुख्य मंत्री और राज्यपाल, प्रकृति से दूर, ऑनलाइन गतिविधियों के माध्यम से लोगों में पर्यावरण के लिए जागरूकता बढ़ाते हुए दिखे। जैसे कि अहमदाबाद, विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में अहमदाबाद महानगरपालिका की ओर से पांच लाख तुलसी के पौधों का वितरण तो किया गया, पर मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इसकी शुरुआत की ।गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गोवा के लोगों को विश्व पर्यावरण दिवस के बारे में बताया वही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और राज्यपाल ने आज विश्व पर्यावरण दिवस पर वेबिनार को संबोधित किया। जल-जीवन-हरियाली अभियान के बारे में जानकारी दी।
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इसी के साथ कुछ राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश ,झारखंड और हरियाणा राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अपने सरकारी आवास में पौधारोपण करके मीडिया के माध्यम से पर्यावरण दिवस के बारे में लोगों तक अपना संदेश पहुंचाया। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने डोरंडा स्थित वन भवन परिसर में विश्व पर्यावरण दिवस पर पौधरोपण किया। इसके बाद मीडिया से कहा कि आज पूरे विश्व में पर्यावरण के प्रति चिंता की वजह से चर्चाएं हो रही हैं। इसकी जरूरत पर्यावरण से हो रहे खिलवाड़ के कारण पड़ी है। सीएम सोरेन ने कहा पर्यावरण संरक्षण के लिए सरकार के स्तर से कार्यक्रम होते ही रहेंगे, लेकिन हम सभी को पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभानी पड़ेगी। हम अपने हिस्से का पौधा लगाएं और उसे सींच कर पेड़ बनाएं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अपने सरकारी आवास पर पौधारोपण कर प्रदेशवासियों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। साथ ही में कहा कि प्रकृति और पर्यावरण का संरक्षण करके ही हम न केवल जीव सृष्टि की रक्षा कर पायेंगे बल्कि एक सुखद और आनंददायक जीवन प्रत्येक जीव जन्तु को देने में सफल होंगे। महाराष्ट्र के गवर्नर ने भी वृक्षारोपण कर विश्व पर्यावरण दिवस मनाया और साथी लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया।
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