छठ: लोकास्था का महापर्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, छठ भगवान् सूर्य की उपासना का महापर्व है। छठ पूजा में पहला दिन नहाए खाए का होता है। इस दिन व्रत रखने वाले व्रती सवेरे नहा कर स्वच्छ कपड़े पहनते हैं तथा शाम को भोजन पका कर पूजा करने के बाद ही उसे ग्रहण करते हैं और तब फिर परिवार के अन्य सदस्य भी भोजन करते हैं।
नहाये खाये के अगले दिन खरना होता है जो कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को होता है। इसे लोहंडा भी कहते हैं और इसका छठ पूजा में विशेष महत्व होता है। इस दिन दिन भर व्रत रखा जाता है और छठ पूजा के लिए विशेष प्रसाद बनाया जाता है। रात में प्रसाद स्वरुप खीर ग्रहण किया जाता है।
इस महापर्व के तीसरे दिन छठी मैय्या, जिन्हे सूर्य की बहन कहा जाता है, उनकी पूजा की जाती है, कथा सुनाई जाती है और फिर डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इस महापर्व के आखिरी दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही छठ पूर्व सम्पन्न होता है।
इस बार छठ पूजा के अवसर पर व्याप्त कोरोना महामारी के प्रकोप से बचने के लिए सरकार द्वारा दिए गाइडलाइन को अमल में लाना ज़रूरी है इसलिए एक दुसरे से निश्चित दूरी बना कर रखना और मास्क पहनना बेहद आवश्यक है। दिल्ली और मुंबई जैसे कोरोना प्रभावित राज्यों में महिलाओं को घाटों पर स्नान करने की अनुमति नहीं दी गई है।
छठ के अवसर पर यहां देखें छठ महापर्व पर प्रणव मोशन पिक्चर्स द्वारा निर्मित यह विशेष चलचित्र :
– ग्लोबलबिहारी ब्यूरो
Nice information on most auspicious festival