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– खुशबू
बुलंदशहर: बुलंदशहर में अमेरिका से लौटी एक मेधावी छात्रा सुदीक्षा भाटी की मनचलों की छेड़खानी से बचने के दौरान सड़क हादसे में दर्दनाक मौत हो गई। वह अपने चाचा के साथ बाइक पर बैठकर रिश्तेदार के पास जा रही थी। रास्ते में ही बुलेट सवार कुछ बदमाशों ने छेड़खानी शुरू कर दी और बार-बार आरोपी युवक बाइक को ओवरटेक कर रहे थे। इसी दौरान मनचलों से बचने के चक्कर में छात्रा बाइक से गिर गई और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने छात्रा के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। अज्ञात बाइकर्स के खिलाफ मामला दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर ली गई है।
अमेरिका में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण घर लौटीं सुदीक्षा अपने रिश्तेदार के घर जा रही थीं। वह अपने चाचा के साथ बाइक पर बैठी थीं। इस दौरान रास्ते में बुलेट सवार कुछ बदमाशों ने छेडख़ानी शुरू कर दी। मनचलों की छेडख़ानी से बचने के प्रयास में सुदीक्षा अपने चाचा की बाइक से नीचे गिर गई जिससे उसके सिर पर काफी चोट आई और उसकी मौत हो गई।
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सुदीक्षा का परिवार गौतमबुद्धनगर के दादरी क्षेत्र में रहता है। सुदीक्षा के पिता चाय बेचकर परिवार का गुजारा करते हैं। बेहद गरीब परिवार से होने के कारण सुदीक्षा के सामने तमाम दुश्वारियां थीं। बावजूद इसके उसका हौसला हमेशा ही उड़ान भरता रहा। परिजन के मुताबिक कोरोना की वजह से जून में सुदीक्षा अमेरिका से भारत लौटी थी। वह अपने मामा से मिलने जा रही थी। कुछ दिनों के बाद ही 20 अगस्त को उसे वापस अमेरिका पढ़ाई के लिए लौटना था। लेकिन किसी को क्या पता था कि कुछ बदमाशों की करतूत की वजह से उसकी मौत हो जाएगी।
पढ़ाई में होनहार सुदीक्षा भाटी ने दो वर्ष पहले ही 2018 में अपनी कक्षा 12 बोर्ड परीक्षाओं में 98 प्रतिशत सुरक्षित किए थे। इंटरमीडिएट की परीक्षा में बुलंदशहर जनपद टॉप किया था। उसको एससीएल की तरफ से 3. 83 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप मिलने के बाद सुदीक्षा भाटी अमेरिका में उच्च शिक्षा ग्रहण करने चली गई थी। सुदीक्षा अमेरिका के बॉब्सन कॉलेज में भारत सरकार के खर्च पर पढ़ रही थी।
सुदीक्षा की मौत ने एक बार फिर से राज्य में यौन उत्पीड़न के बढ़ते मामलों की तरफ ध्यान आकर्षित किया है।
राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की रिपोर्ट के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा, विवाहित महिलाओं की प्रताड़ना, दहेज की वजह से हत्या और बलात्कार आदि के आंकड़ों में बढ़ोतरी हुई है। मार्च के पहले सप्ताह में एनसीडब्ल्यू को देशभर में महिलाओं के खिलाफ अपराध की 116 शिकायतें मिली थीं। लेकिन लॉकडाउन के दौरान 23 से 31 मार्च के दौरान घरेलू हिंसा की शिकायतें बढ़कर 257 हो गईं।‘एनसीडब्ल्यू को 24 मार्च से एक अप्रैल तक घरेलू हिंसा की 69 शिकायतें मिलीं । एनसीडब्ल्यू के आंकड़ों के मुताबिक, लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा के 69 मामले, गरिमा के साथ जीने के 77 मामले, विवाहित महिलाओं की प्रताड़ना के 15 मामले, दहेज की वजह से हत्याओं के दो मामले और बलात्कार के 13 मामले दर्ज हुए हैं।
घरेलू हिंसा और प्रताड़ना की सर्वाधिक 90 शिकायतें उत्तर प्रदेश से आई हैं।दिल्ली से 37, बिहार से 18, मध्य प्रदेश से 11 और महाराष्ट्र से 18 शिकायतें आई हैं। लॉकडाउन से पहले उत्तर प्रदेश से समान अवधि में 36, दिल्ली से 16, बिहार से आठ, मध्य प्रदेश से चार और महाराष्ट्र से पांच शिकायतें दर्ज हुई थीं। इतना ही नहीं लॉकडाउन के दौरान महिलाओं के खिलाफ साइबर अपराध की घटनाएं भी बढ़ी है। आंकड़ों के अनुसार अप्रैल में साइबर अपराध की 54 शिकायतें मिली जबकि मार्च में 37 फरवरी मे शिकायतें मिली थी। लॉकडाउन के कारण ऑनलाइन शिकायतें प्राप्त की जा रही हैं । साइबर विशेषज्ञों का कहना है की 25 मार्च से 25 अप्रैल तक साइबर अपराध की कुल 412 शिकायतें मिली जिसमें से 396 शिकायतें गंभीर थी। जिनमें जिनमें यौन शोषण, अभद्र व्यवहार, अनचाही अश्लील तस्वीरें लेना, धमकियां, अकाउंट हैक करने का दावा करने वाले ईमेल, फिरौती की मांग करना, ब्लैकमेल तथा अन्य अपराध शामिल है।
पीड़ित लोग पुलिस से शिकायत करने से भी डरते हैं क्योंकि उन्हें डर है कि उत्पीड़न बढ़ जाएगा।
-साक्षी पटवाल द्वारा सम्पादित
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