गाजियाबाद: तीनों कृषि कानूनों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा सात महीनों ज्यादा चल रहे अपने आंदोलन को और व्यापक बनाने की योजना बना रहा है । इसी सन्दर्भ में 40 यूनियनों वाले मोर्चा की एक घटक भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) गाजियाबाद – दिल्ली के गाजीपुर बार्डर के साथ ही पूरे उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार से संबंधित मुद्दों पर आंदोलन तेज करेगी। भाकियू के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने आज एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इसके लिए 11 जुलाई से मंगलवार बैठकें कर तैयारी की जाएगी।
उन्होंने कहा कि सूबे के 18 मंडलों में बैठकें करने के बाद भाकियू एक अगस्त से सूबे में बड़ा आंदोलन खड़ा करेगी। भाकियू पदाधिकारी गांव-गावं जाएंगे और किसानों को प्रदेश और देश का हाल बताने के साथ ही तीन काले कृषि कानूनों के बारे में बताएंगे और तमाम मुद्दों पर सरकार के रूख भी किसानों के सामने रखेंगे। इसके साथ ही गन्ना मूल्य का बकाया भुगतान और बिजली के मुद्दे पर अपनी बात रखेंगे। उन्होंने कहा कि वे किसानों को बताएंगे कि हरियाणा में एक किलोवाट बिजली का रेट केवल 35 रूपए है और यूपी में आकर वही एक किलोवाट बिजली का रेट किसान के लिए कैसे 175 रुपये हो जाता है। यूपी में किसान को देश में सबसे महंगी बिजली दी जा रही है।
भाकियू राष्ट्रीय महासचिव युद्घवीर सिंह ने बताया कि यूपी में जहां गन्ना किसानों का अभी भी साढ़े आठ हजार करोड़ रूपया बकाया वहीं पूरे देश में गन्ना किसानों का साढ़े 21 हजार करोड़ रूपया बकाया है।
राकेश टिकैत ने कहा कि गेहूं की खरीद नहीं हुई। “1975 रूपए एमएसपी होने के बाद कैसे किसानों ने 1400 रूपए के रेट में सरकार केंद्रों पर ही गेंहू लूट ली गई, सबको पता है। अब चावल की फसल आएगी तो उसका भी यही हाल होगा, इसीलिए किसान एमएसपी पर कानून की मांग कर रहा है लेकिन सरकार उनकी बात अनसुनी कर रही है,” उन्होंने कहा।
युद्घवीर सिंह ने कहा कि यूपी में राज्य सरकार से संबंधित मुद्दों की लड़ाई भाकियू की कॉल पर लड़ी जाएगी, लेकिन इस दौरान संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से आने वाली कॉल पर भी पूरे जोर शोर से अमल किया जाएगा। “बार्डर पर चल रहे आंदोलन को भी हम कमजोर नहीं होने देंगे और तीनों कानूनों की वापसी तक इसे पूरी मजबूती से चलाते रहेंगे।” उन्होंने कहा।
भाकियू मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने कहा सूबे में आंदोलन के दौरान कोरोना में मारे गए किसानों को मुआवजा देने की भी मांग की जाएगी। सरकार किसानों को कृषि दुर्घटना बीमा योजना में कवर करे। इसके साथ ही भाकियू किसानों की बिजली के घंटे 18 से घटाकर 12 करने के मुद्दे को भी जोर से उठाएगी। कल भाकियू ने एक ट्रेक्टर यात्रा निकलने का फैसला किया है जो शामली जनपद से चलकर 10 जुलाई को सिंघु बॉर्डर पर आएगी।
– ग्लोबल बिहारी ब्यूरो