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– ग्लोबलबिहारी ब्यूरो
नई दिल्ली : देश भर में किसान डीजल मूल्य में वृद्धि , बिजली की बढ़ी दर, वाहनों पर भारी भरकम चालान, किसानों को नलकूप का सामान न मिलने आदि समस्याओं को लेकर व पुलिस उत्पीड़न के विरोध में तहसील मुख्यालयों पर 30 जून को धरना एवं प्रदर्शन करेंगे।
इस “हल्ला बोल” का आह्वाहन भारतीय किसान यूनियन (बी के यू) ने किया है।बी के यू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ राकेश टिकैत ने बयान जारी करते हुए कहा कि आज किसानों पर महँगी बिजली ,खाद ,रसायन की मार के बाद डीज़ल की एक ओर मार पड़ी है।
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उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार डीजल की कीमत पेट्रोल से ऊपर है और 2014 में महंगाई को मुद्दा बनाने वाली भाजपा आज इस गंभीर विषय पर चुप है। उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों को सरकार कोई राहत नही दे पा रही है। ना ही किसानों की फसलों की खरीद हो पा रही है, और ना ही किसानों को महंगाई के अनुरूप दाम मिल पा रहा है
“सरकार का कार्य जनकल्याण होता है सरकार विपरीत परिस्थितियों में भी जनता की जेब से टैक्स के नाम पर पैसा निकालकर खजाना भर रही है। सरकार पब्लिक लिमिटेड कंपनी की तरह कार्य कर रही है,” उन्होंने कहा।
टिकैत ने आपत्ति जताई कि आज डीजल पर लगभग 50 रुपए की एक्ससाइज ड्यूटी वसूली जा रही है। “सरकार तेल व बिजली पर व्यापार कर रही है। पुलिस जनता की गलती पर भारी रकम वसूल रही है।सरकार का मकसद गलती सुधार नही जुर्माना वसूली है,” उन्होंने कहा और घोषणा की कि भारतीय किसान यूनियन अब “जनता के साथ अन्याय में संघर्ष के लिए तैयार है और जनता को राहत दिए जाने तक यह क्रम जारी रहेगा”।
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