साठ साल पहले दूरदर्शन ने चौंकाया था
दूर से दर्शन करते थे
रोशनदान, खिड़कियों से झांकते थे,
हुआ क्या कमाल था
कहीं कहीं इसका वास था
गीली डंडा, ताश था
नई पीढ़ी की आंखों का तारा
आज बना यह बड़ा सहारा
आज सभी की जेब में आया
बड़ी छोटी हो गई काया
अब नहीं दूर, सबसे पास
कैसे बचें समझ न पाएं,
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November 22, 2024