शिवसेना अध्यक्ष और महाराष्ट्र के मुख्य मंत्री उद्धव ठाकरे
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– लता
शिमला: अभिनेत्री कंगना राणावत और महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ शिवसेना के बीच छिड़ी जंग में कंगना को उसके गृह राज्य हिमाचल प्रदेश में काफी समर्थन मिल रहा है। जिस प्रकार पहले उन्हें शिव सेना के सांसद संजय राउत से धमकी मिली और फिर अचानक उनके दफ्तर को महानगर पालिका के द्वारा गिरा दिया गया, उससे यहां लोगों में काफी रोष है।
ज्ञात हो कि 9 सितंबर को कंगना के हिमाचल से मुंबई पहुंचने से कुछ समय पहले ही शिवसेना नियंत्रण बी एम सी ने उनके दफ्तर पर अवैध निर्माण कार्यों को बुलडोजर द्वारा गिराने को करवाई शरू की थी। हालांकि, मुंबई हाई कोर्ट ने अब बीएमसी द्वारा दफ्तर तोड़ने की प्रक्रिया पर अगली सुनवाई (22 सितम्बर) तक रोक लगा दी है।
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कंगना की लड़ाई को अब हिमाचल के मुख्य मंत्री से लेकर आम जनता तक राज्य की अस्मिता की जंग मान रहे हैं। हिमाचल में उनके समर्थन में उठ खड़े लोगों का मानना है कि शिव सेना बदले की भावना से ग्रसित हो कंगना के साथ गलत बर्ताव कर रही है।
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हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कंगना के 9 सितंबर को मुंबई पहुंचने से पहले ही शिवसेना के नियंत्रण वाले बृहन्मुम्बई म्युनिसिपल कारपोरेशन द्वारा उनके ऑफिस पर बुलडोजर चलाने की हरकत की निंदा करते हुए आज ट्वीट के जरिए कहा ” हम हिमाचल कि बेटी का अपमान सेहन नहीं कर सकते। महाराष्ट्र सरकार ने हिमाचल के बेटी कंगना राणावत के साथ जो राजनीतिक प्रतिशोध कि भावना के साथ अत्याचार किया है यह अत्यंत चिंताजनक एवं निंदनीय है। हमारी सरकार व देश की जनता इस घटनाक्रम में हिमाचल की बेटी कंगना के साथ खड़ी हैं।”
कंगना के समर्थन में उतरे मंडी के निवासियों ने महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और शिवसेना अध्यक्ष और महाराष्ट्र के मुख्य मंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ नारेबाजी की।
मंडी के सिद्धार्थ, जो हॉर्टिकल्चर के विद्यार्थी हैं , उनका मानना है कि “कंगना के साथ बहुत ग़लत हो गया है अगर एक बात देखी जाए कि कंगना मैडम के पास वाई सिक्योरिटी है तो सही है लेकिन अब लगता है कि उन्हें बहुत ज्यादा खतरा है, उन्होंने नोटिस का रिप्लाई भी बहुत टाइम पहले दे दिया था फिर भी उनका ऑफिस टूट गया अगर ऐसे ही बी एम सी तोड़ने लगे तो आधे से ज्यादा महाराष्ट्र टूट जाएगा”।
पर यह आक्रोश सिर्फ मंडी तक ही सीमित नहीं है बल्कि पूरे राज्य में व्याप्त है ।
मनाली के मूल निवासी और स्नाकोत्तर छात्र अखिल शर्मा ने ग्लोबलबिहारी संवाददाता को बताया कि भले ही वे एक “छोटा आदमी” हैं पर वे यह ज़रूर कहेंगे कि कंगना हिमाचल कि बेटी है और उसके खिलाफ जो भी हुआ उसकी वे कड़ी निन्दा करते है। “माना कि उन्हें (कंगना को ) महाराष्ट्र की तुलना कश्मीर अधिकृत पाकिस्तान से नहीं करनी चाहिए थी पर बृहन्मुम्बई म्युनिसिपल कारपोरेशन ने भी जो किया, वो ग़लत था। बिना नोटिस के किसी की प्रॉपर्टी में घुसना अपने आप में एक अपराध है उनके पास और भी कई तरीके थे पर घर या दफ्तर को तोड़ देना ही एक तरीका नहीं था यह हम सब जानते है कि ये बदले की भावना से किया गया है और हम इसके बिल्कुल खिलाफ है,” उन्होंने कहा।
भरमौर में एक सेब के बाग़ के मालिक पचहत्तर वर्षीय चैनलाल का इसमें कहना था कि सरकार का इस तरह से बदले की भावना रखना सही नहीं है। “उन लोगों को कंगना के दफ्तर को नहीं तोड़ना चाहिए था अब कंगना के साथ पूरा देश एकजुट होकर खड़ा है। हम कंगना का समर्थन करते हैं,” उन्होंने कहा।
धर्मशाला पोस्ट ग्रेजुएशन कॉलेज कि छात्रा अवंतिका को काफी आक्रोश था कि जब कंगना ऑफिस का निर्माण का रही थी तब बी एम सी ने कुछ क्यों नहीं बोला। “वो दफ्तर बनने से पहले ही उन्हें रोक सकती थी। लेकिन अब वो सुशांत सिंह राजपूत और कई अवैध कार्यों का सच सामने ला रही है तब उनसे इस तरह का बदला लिया जा रहा है। यह सही नहीं है बहुत सारे अभिनेत्रियों ने अपना घर इसी तरह अवैध ढंग से बनाया हुए है उनका क्या ? कंगना एक लड़की है एक ऐसी लड़की जिन्होंने अपने दम पर कामयाबी हासिल की है। उन्होंने पद्मश्री मिला है, उन्होंने कई सम्मानित पुरस्कार भी जीते है और लोग रिया चक्रबर्ती को सपोर्ट कर रहे है जिनका संबंध ड्रग्स से है। ये दोनों बहुत अलग है कंगना एक बेहतरीन अभिनेत्री है हमें उनके काम को देखना चाहिए उनके टैलेंट को सराहना चाहिए,” अवंतिका ने कहा।
कंगना ने भी इस जंग में उद्धव ठाकरे को वंशवाद का नमूना और शिवसेना को सोनिया सेना तक कह डाला था। उनके और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बीच जारी वाक्ययुद्ध ने एक आक्रामक रूप ले लिया है इस बार उन्होंने अपने ट्वीट में बिना नाम लिए कहा “जिस विचारधारा पर बाला साहेब ठाकरे ने शिव सेना का निर्माण किया था, आज वो सत्ता के लिए उसी विचार धारा को बेचकर शिवसेना से सोनिया सेना बन चुके हैं। जिन गुंडों में मेरे पीछे से मेरा घर तोड़ा उन्हें सिविक बॉडी मत बोलो, संविधान का इतना बड़ा अपमान मत करो। कंगना राणावत मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के ऊपर लगातार हमलावर हो रही है। इसी के साथ उन्होंने एक और ट्वीट में कहा कि ‘ तुम्हारे पिताजी के अच्छे कर्म तुम्हे दौलत तो दे सकते है, मगर सम्मान तुम्हे खुद कमाना पड़ता है, मेरा मुंह बंद करोगे मगर मेरी आवाज मेरे बाद सौ फिर लाखों में गूंजेगी, कितने मुंह बंद करोगे? कितनी आवाजें दबाओगे? कब तक सच्चाई से भागोगे तुम कुछ नहीं हो सिर्फ वंशवाद का एक नमूना हो।’
जवाब में शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘ सामना ‘ ने आज अपने मराठी संस्करण के पहले पन्ने पर कंगना के दफ्तर पर चलते गए बुलडोजर के बारे में खबर देते हुए हेडलाइन दी – “उखाड़ दिया”। खबर में अखबार ने बीएमसी की कार्रवाई की जानकारी देते हुए शिवसेना ने कंगना द्वारा मुंबई की पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से तुलना के बारे में भी लिखा।
इस दौरान मुंबई पोलिस ने अभिनेत्री के खार स्थित घर और बांद्रा में उनके दफ्तर के बाहर सुरक्षा प्रदान की है। कंगना को बुधवार के दिन मनाली से मुंबई जाने से पहले केंद्रीय सरकार द्वारा पहले वाई वर्ग की सुरक्षा व हिमाचल सरकार द्वारा ऑफिसर की सुरक्षा प्रदान कि गई थी।
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