विश्व जल दिवस पर विशेष: नदी चालीसा
नदी चालीसा
चारों ओर बहती है नदियां
जीवन का स्रोत है नदियां
सभ्यताओं को फैलाती नदियां
सबको समृद्ध बनाती नदियां
मातृत्व का आंचल है नदियां
भर भर खुशहाली लाती नदियां
हरियाली का स्रोत है नदियां
सक्रियता सिखाती है नदियां
सच्चा प्रेम फैलाती नदियां
स्वस्थ निरोग बनाती नदियां
चरैवेति चरैवेति गाती नदियां
आगे बढ़ना सिखाती नदियां
सबको गले लगाती नदियां
कभी नहीं घबराती नदियां
सबके कष्ट उठाती नदियां
सागर से मिल जाती नदियां
अपने घर पहुंच जाती नदियां
कितनी प्यारी न्यारी नदियां
हमने क्या कर डाला नदियां
स्वार्थी मानव, परमार्थी नदियां
कूड़ा घर बना डाली नदियां
भोग साधन बनाई नदियां
अब नहीं मानते माई है नदियां
बन गए हम दुष्ट कसाई नदियां
सारी गंदगी ढोती नदियां
माई से करते कमाई नदियां
पुण्य गंवाया है हमने नदियां
पाप कमा रहे है हम नदियां
कब चेतेगी मानवता नदियां
अविरल बहेंगी फिर से नदियां
लाएगी खुशहाली नदियां
छाएगी हरियाली नदियां
माई बनेगी सबकी फिर से नदियां
कहलाएगी जीवनदायिनी नदियां
तेरी नदियां मेरी नदियां
जीवन देने वाली नदियां
धरती की नसें नाड़ी है नदियां
धरती की प्यास बुझाती नदियां
जीवन की आस जगाती नदियां
जीवन को समृद्ध बनाती नदियां।।
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