नयी दिल्ली: वाराणसी के राजघाट स्थित सर्व सेवा संघ परिसर पर सरकार के अवैध कब्ज़ा, भवनों के ध्वस्तीकरण की न्यायिक जांच की मांग रखते हुए एक ज्ञापन आज राष्ट्रपति को दिया गया। ज्ञापन में मांग की गयी है कि सर्व सेवा संघ प्रकरण में दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों व व्यक्तियों को दण्डित किया जाए तथा गाँधी विचार के इस ऐतिहासिक विरासत को क्षतिपूर्ति सहित सर्व सेवा संघ को वापस किया जाए।
संघ के अध्यक्ष चन्दन पाल ने बताया कि सरकार के इस “अन्याय” के खिलाफ 22 जुलाई से 12 अगस्त 2024 तक पूरे देश में संकल्प सत्याग्रह के तहत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस संबंध में प्रदेश एवं जिला सर्वोदय मंडलों को निर्देशित किया गया है। उन्होंने आगामी कार्यक्रमों की घोषणा करते हुए कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के प्रथम सत्याग्रही तथा सर्वोदय आंदोलन के प्रणेता आचार्य विनोबा भावे द्वारा स्थापित राजघाट परिसर के विध्वंस के खिलाफ और इस ऐतिहासिक विरासत के निर्माण के लिए विनोबा जयंती 11 सितम्बर 2024 से 100 दिनों का सत्याग्रह राजघाट परिसर के समक्ष चलाया जाएगा। इसमें प्रदेश व जिला सर्वोदय मंडलों, विभिन्न जान संगठनों, किसान सगठन एवं अन्य सामाजिक राजनीतिक संस्थाओं की भागीदारी रहेगी।
सर्व सेवा संघ का आरोप है कि कि एक वर्ष पहले वाराणसी एवं रेल प्रशासन ने प्रधानमंत्री कार्यालय के इशारे पर आचार्य विनोबा भावे की प्रेरणा से स्थापित राजघाट परिसर एवं लोकनायक जयप्रकाश नारायण के प्रयास से निर्मित विश्व स्तरीय शोध केंद्र – गाँधी विद्या संस्थान को षडयंत्र पूर्वक दखल कर लिया और इसके अधिकांश भवनों को बिना किसी अदालती आदेश के गैरकानूनी तरीके से गिरा दिया गया। इससे पहले दिसंबर 2020 में तत्कालीन जिलाधिकारी ने इसी परिसर की जमीन के एक हिस्से को बलपूर्वक कब्ज़ा कर गुजरात की एक कंस्ट्रक्शन कंपनी को अपना वर्कशॉप बनाने के लिए दे दिया था।
“बनारस के आला अधिकारियों ने यह झूठ भी फैलाया कि सर्व सेवा संघ ने रेलवे की जमीन पर कब्ज़ा कर रखा है जबकि सर्व सेवा संघ ने नॉर्थेर्न रेलवे से 1960, 1961, और 1970 में तीन बैनामे के जरिये 12.89 एकड़ जमीन खरीदी थी। राजस्व अभिलेख-खतौनी में भी सर्व सेवा संघ का नाम दशकों से अंकित था,”चन्दन पाल ने कहा।
सर्व सेवा संघ परिसर पर सरकार के “अवैध कब्जे” के एक वर्ष पूरे होने के प्रतिवाद में तथा परिसर पुनर्निर्माण के लिए आज यहां जंतरमंतर पर सर्व सेवा संघ ने एक ध्यानाकर्षण सत्याग्रह आयोजित किया जिसमें देश भर के गाँधीजन एवं जन आंदोलनों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
– ग्लोबल बिहारी ब्यूरो