रविवारीय – मनीश वर्मा ‘मनु’ टमटम में जुते हुए घोड़े सी स्थिति है आम आदमी! बेचारा आम...
रविवारीय
रविवारीय – मनीश वर्मा’मनु’ वक़्त कितनी जल्दी बीत जाता है और पीछे छोड़ जाता है यादें। 1973...
रविवारीय – मनीश वर्मा ‘मनु’ सारे विपरांत चलते हैं एक साथ बस नजरिया है जनाब। थोड़ा चलते...
रविवारीय – मनीश वर्मा ‘मनु’ साहब आगे आगे, पीछे पीछे साहब का कुत्ता। बिना किसी बंधन के।...
रविवारीय – मनीश वर्मा ‘मनु’ मैं अक्सर लोगों को यह कहते हुए पाता हूं “अभी मीटिंग में...
रविवारीय – मनीश वर्मा ‘मनु’ एंजियोप्लास्टी कल सुबह दफ़्तर के लिए थोड़ी देर हो गई थी। क्या...