– मनीश वर्मा ‘मनु’
आज आस्ट्रेलिया के मेलबर्न में टी20 क्रिकेट विश्व कप के शुरूआती मुकाबले में भारत और पाकिस्तान दो चिर परिचित प्रतिद्वंद्वी की भिड़ंत। बहुत दिनों से लोगों को इंतज़ार था इस मैच का। लोगों ने अपने काम धंधे छोड़ रखे थे इस मुकाबले के लिए।
पहले पाकिस्तान की बल्लेबाजी थी। पाकिस्तान की पारी और हमारे गेंदबाजों का प्रदर्शन। कहीं से भी ऐसा नहीं लगा कि मैच इतना रोमांचक होने वाला है। टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए पाकिस्तान ने शान मसूद (42 गेंदों में 52 नाबाद) और इफ्तिखार अहमद (34 गेंदों में 51 रन) की धुआंधार अर्धशतकीय पारियों की बदौलत आठ विकेटों के नुक्सान पर 159 रनों का एक चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा कर दिया। हार्दिक पंड्या और आर्शदीप सिंह ने तीन तीन विकेट चटकाए।
जब बल्लेबाजी करने की हमारी बारी आई और शुरुआती प्रदर्शन हमारा जैसा रहा, कह सकता हूं कि लोगों के चेहरे उतर गए। भारतीय दर्शकों को तो जैसे सांप सूंघ गया। बेचारों की जैसे बोलती बंद हो गई। शुरुआती 6 ओवरों के अंदर भारत के चार दिग्गज बल्लेबाज महज 34 रनों के स्कोर पर पवेलियन लौट चुके थे और 10 ओवर तक तो भारत सिर्फ 45 रन ही बना पाया था। आखिर के 12 गेंदों में तो भारत को 31 रनों की ज़रूरत थी।
पर इसी को तो क्रिकेट कहते हैं। टाईगर अभी जिंदा था। विराट कोहली और हार्दिक पंड्या पर सारी उम्मीदें टिकी हुई थी। शुरुआत के बल्लेबाज सस्ते में ही निपट गए थे। पर, यहां हमें देखने को मिली विराट की “विराट” पारी जिसके लिए वो जाने जाते हैं और उनका धैर्यपूर्वक साथ निभाया पंड्या ने। लगभग गंवा चुके मैच को हम धीरे से अपने पाले में लाने में कामयाब हुए।
पर, पिक्चर अभी कहां खत्म हुई थी। अभी तो अंतिम ओवर का क्लाइमेक्स जो बचा था। मैच के आखिरी 5 गेंदों में 16 रनों की और आखिरी गेंद में 2 रनों की। ऐन वक्त पर हार्दिक का आउट होना और फिर अप्रत्याशित तरीके से कार्तिक का निकलना। ऐसा लगा मानो अब सब कुछ खत्म।
क्रिकेट को यूं ही अनिश्चिताओं का खेल नहीं कहा जाता है।अंतिम ओवर की अंतिम गेंद पर अनुभवी अश्विन ने बस मैच को भारत के पक्ष में कर दिया।
कह नहीं सकते कौन अच्छा खेला और कौन खराब। पर, जो जीता वही सिकन्दर। आज दिन था हमारा। हमें कोई नहीं हरा सकता था। अपने देशवासियों को भारतीय टीम ने दिवाली हर्षोल्लास के साथ मनाने का एक अवसर प्रदान किया। इस मैच को विराट की ” विराट” पारी के लिए हमेशा याद किया जाएगा।
आगाज़ अच्छा है तो अंजाम भी अच्छा ही होगा। बस, अब तो सिर्फ और सिर्फ विश्व कप की ट्राफी का इंतजार है। बात भारत और पाकिस्तान की हो और खासकर क्रिकेट मैच की तो भावनाओं का सैलाब उमड़ पड़ना लाजिमी है। हम बेचैन रहते हैं अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए। जो लोग मुकाबला देख रहे होते हैं उनकी भावनाओं और भाव भंगिमाओं को देखना एक बड़ा ही दिलचस्प अनुभव होता है।