मुंबई के बोरीवली कोराकेंद्र में आयोजित गौसंसद की प्रदेश प्रभारियों की बैठक में उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का बिहार दौरा गौरक्षा के लिए
मुंबई: उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती बिहार के हर जिले में दौरा करेंगे जहां वे आगामी विधानसभा चुनाव में गौरक्षा के पक्ष में खड़े प्रत्याशियों के लिए प्रचार करेंगे।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद इस समय मुंबई में चातुर्मास्य व्रत कर रहे हैं। भाद्रपद पूर्णिमा को सीमोल्लंघन के बाद वे मध्य प्रदेश के परमहंसी गंगा आश्रम में अपने ब्रह्मलीन सद्गुरुदेव द्विपीठाधीश्वर स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के आराधना महोत्सव के लिए प्रस्थान करेंगे और वहां से सीधे बिहार के लिए रवाना होंगे। शंकराचार्य के आगमन से पहले उनकी गौभक्त सेना पूरे बिहार में गाय के प्रत्याशी को वोट देने को प्रेरित करेगी। बिहार में शंकराचार्य हर जिले में गोमतदाता संकल्प सभा को संबोधित करेंगे।
शंकराचार्य ने नारा दिया कि “करे जो गोमाता पर चोट, हम कैसे दें उसको वोट?” उन्होंने कहा कि हमारा धर्म सिखाता है कि यदि हम गलत करने वाले का समर्थन करते हैं तो हमें भी उस गलत कार्य का पाप भोगना पड़ता है। “यदि कोई सरकार गोहत्या कर रही हो और हम उसे वोट देकर समर्थन देते हैं तो उसके द्वारा की जा रही गोहत्या का पाप हमें भी लगेगा। इसलिए गोभक्त सनातनी हिंदुओं से कहना चाहते हैं कि आप गोहत्यारी पार्टियों को अपना अमूल्य वोट देकर गोहत्या के महापाप के भागी न बनें। देश में होने वाले चुनाव में कौन-सी पार्टी कब सत्ता में आएगी यह पहले से नहीं कहा जा सकता। इसलिए आप सब यह स्पष्ट निर्णय कर लें कि जिस भी पार्टी की सरकार बने उसे शपथ-ग्रहण करते ही सबसे पहला कार्य गोहत्या बंद कराकर गाय को राष्ट्रमाता घोषित करना होगा। आपके द्वार पर जो भी वोट लेने आए उनसे आप कह सकते हैं कि गोहत्या न करने का शपथ-पत्र लिखित रूप से देने पर ही वोट दिया जाएगा ताकि आपको स्वयं गोहत्या का पाप न लगे,” उन्होंने कहा।

आज स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने मुंबई के बोरीवली कोराकेंद्र में आयोजित गौसंसद की प्रदेश प्रभारियों की बैठक में कहा कि सनातन धर्म में गोहत्या महापाप है और गोहत्या करने वाले को समर्थन देने वाले को भी यह पाप लगता है। इसलिए सत्ता में आकर गोहत्या करने वाले राजनीतिक दलों को मत देकर उन्हें सत्ता में लाने वाले मतदाताओं को भी गोहत्या का पाप लग रहा है। हिंदुओं को इससे बचने और अपने मताधिकार का सही प्रयोग करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि हमारे शास्त्र बताते हैं कि गोमाता सर्वदेवमयी है और इनकी पूजा से 33 करोड़ देवी-देवताओं की पूजा एक साथ हो जाती है। इनका स्थान सर्वोपरि है। इसलिए सनातन धर्म में देवता और गुरु के लिए नहीं अपितु गोमाता के लिए पहली रोटी निकालने का नियम है। उन्होंने कहा कि देश का गौरवपूर्ण इतिहास रहा है कि चक्रवर्ती सम्राट दिलीप, भगवान राम और भगवान कृष्ण ने भी गोसेवा की है। लेकिन बहुसंख्यक गो-पूजक सनातनियों के इस देश में आज गोमाता की हत्या हो रही है जो सबके लिए कलंक है। इसी कलंक को मिटाने के लिए पूर्व में अनेक संतों ने गोरक्षा आंदोलन किया था। तब से अब तक अनेक सरकारें आईं लेकिन किसी ने गोहत्या बंदी की उद्घोषणा नहीं की बल्कि गोहत्या को बढ़ावा ही दिया।
शंकराचार्य ने जून 2025 में वाराणसी में भी कहा था कि सनातनी केवल उन प्रत्याशियों को वोट देंगे जो गौरक्षा का समर्थन करते हैं। अगस्त 2025 में फिर उन्होंने दोहराया कि लोग केवल उन प्रत्याशियों का समर्थन करें जो गायों की रक्षा करते हैं और उनके हित में विधान बनाने का कार्य करते हैं। प्रत्याशियों की पहचान के प्रयासों में उन्होंने राजनीतिक दलों से गोहत्या के विरुद्ध प्रतिज्ञा करने का आग्रह किया है।यह जानकारी उनके मीडिया प्रभारी संजय पाण्डेय ने दी।
– ग्लोबल बिहारी ब्यूरो
