रविवारीय: सावधान, फिर से भस्मासुर ने सर उठाना शुरू कर दिया है
सावधान, फिर से भस्मासुर ने सर उठाना शुरू कर दिया है। पता नहीं इसे क्या हो गया है। क्या चाहिए इसे। कुछ समझ में नहीं आ रहा है। बहुत कुछ तो तुमने ले लिया है। अब फिर क्या लेने आए हो। मन हलकान हो उठा है। दो दिन पहले तक सब कुछ ठीक ठाक था। पृथ्वी अपनी गति से चक्कर लगा रही थी। पर, अचानक से ऐसा लगा अब फिर से सब कुछ एकबारगी थम सा जाने वाला है। वातावरण में एक अजीब सी शान्ती एक अलग किस्म का खौफ का माहौल। अनिश्चितता सर्वत्र व्याप्त। ऐसे ही अनिश्चिताओं और आशंकाओं के बीच जैसे ही एक नाम जेहन में आता है, मन एक अज्ञात आशंका से सिहर उठता है। तभी, ध्यान आता है रिक्शा खींचते हुए व्यक्ति का,उन मजदूरों का जो पूर्व में सिर उठाए भस्मासुर का शिकार बन बेरोजगार हो गए थे। भूख हावी थी कोरोना के ऊपर।
कोरोना तो शायद प्रारब्ध सा हो गया है पर इस भूख का क्या करें? खुद को तो किसी तरह कुछ समय के लिए मना लें पर अहले सुबह बच्चों का भूख से बिलबिलाना! कलेजा मुंह को आ जाता है। अफसोस होता है अपने मनुष्य होने पर। क्यों जन्म हुआ चौरासी लाख योनियों में भटकने के बाद। क्या इसी दिन के लिए? लोग कहते हैं पुनः मनुष्य योनि में जन्म पूर्व जन्म के अच्छे कर्मों का नाम है। पर, नहीं मुझे तो लगता है कोई भयानक अपराध हुआ था मुझसे जो आज यह दिन देखना पड़ रहा है। बच्चे भुख से बिलबिला रहे हैं और मैं कुछ कर नहीं पा रहा हूं। क्या मेरा जीना व्यर्थ नहीं है? खुद से ही सवाल करता हूं और जवाब भी खुद ही देता हूं।
भाई, अभी तक तो सिर्फ पॉज़ बटन दबा था। चीजें खत्म कहां हुई थीं। आगे आगे देखिए होता है क्या!
बाजारवाद और वोटों की राजनीति में इंसान उलझ कर रह गया है। आम आदमी उतना ही समझ पाता है जितना चैनल वाले समझा जाते हैं। रही सही कसर विभिन्न स्तरों पर चल रहे विश्वविद्यालयों से मिले ज्ञान ने पुरी कर दी।
जो बेचारा समझता है, वो डरकर एक अज्ञात आशंका से सिहर उठता है। जो नहीं समझ पाता है, पेट दबा, बच्चों को एवं खुद को पानी पिला सो जाता है इस इंतजार में कि इस रात की सुबह तो होनी ही है। आखिर कब तक अंधेरा रहेगा? शायद कल की सुबह एक नई रोशनी की किरण लेकर आए जहां वो अपने बच्चों के साथ भूख से लड़ाई लड़कर जीत सके।
पूर्व की कोरोना जनित बिभिषिका को हमलोगाें के द्वारा व्यक्तिगत स्तर पर और सरकारों के द्वारा सामाजिक स्तर पर इतना झेल लिया गया है कि हम सब भी कमर कस कर हर स्तर पर तैयार हैं एवं हर तबके को टीका रूपी अस्त्र से भस्मासुर को मात देने हेतु लैस भी कर दिया गया है । हां इतना जरूर है की प्रीकॉशनरी डोज लेने हेतु जागरूक होने की आवश्यकता है । ये जरूर है कि सपोलिए को सांप खूब डंस रहा है । ड्रैगन डरा हुआ दिख रहा है ।