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December 5, 2025

1 thought on “रविवारीय: समय सब कुछ सिखा देता है!

  1. श्री मनीश वर्मा ‘मनु’ के इस ब्लॉग में जीवन की क्षणभंगुरता और मृत्यु की अटलता का गहन चित्रण है। इसमें भावों की गहराई और यथार्थ की कठोरता साथ-साथ चलती हैं।
    “सब कुछ अचानक ही तो होता है” यह पंक्ति मानो जीवन का सार है। मृत्यु का आना न पूर्व सूचना देता है, न तर्क स्वीकार करता है। एक क्षण में सब बदल जाता है — जीवित देह, चिता, फिर राख… और अंत में बस स्मृतियाँ। श्री वर्मा जी ने जीवन का यथार्थ ‘मृत्यु’ को बड़े मार्मिक और संयत ढंग से वर्णित किया है जो हमें सांसारिक मोह-माया से परे जीवन जीने की सीख देती है। यह ब्लॉग न केवल मृत्यु की शांति के साथ-साथ आत्मा की सतत यात्रा को वर्णित करता है, बल्कि हमें यह भी स्मरण कराता है कि हर अंत के साथ एक नई शुरुआत जुड़ी होती है। बुद्धिवाद के विभ्रम से मुक्त होकर बोधि की गहराई में झांकेंगे तो जीवन-यात्रा रूपी रथ के सारथी के रूप में परमसत्ता का बोध प्रकटित होगा।
    “मानव शरीर में जीवात्मा,
    है रथी सतत रथ स्वयं देह l
    इन्द्रियां सभी हैं अश्व मात्र,
    मन है लगाम नित भरा स्नेह ll
    रथवान बुद्धि अतिशय विचित्र,
    अरू विषय भोग भोजन समान l
    सबमें मन का चांचल्य रूप,
    करता नर को प्रमथित महान ll”

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