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December 5, 2025

1 thought on “रविवारीय: एक सरकारी अधिकारी की मर्यादा

  1. यह आलेख सरकारी सेवा की मर्यादा, संवेदनशीलता और मानवता पर गहन चिंतन प्रस्तुत करता है। लेखक श्री मनीश वर्मा ‘मनु’ ने यह स्पष्ट किया है कि सरकारी पद किसी को असीम अधिकार नहीं देता, बल्कि सीमित अधिकारों के भीतर रहकर सेवा करने की जिम्मेदारी प्रदान करता है। बिहार की एक घटना के माध्यम से उन्होंने यह रेखांकित किया है कि जब संवेदनशीलता के स्थान पर अहंकार और शक्ति प्रदर्शन हावी हो जाते हैं, तो जनता का व्यवस्था पर से विश्वास डगमगाने लगता है। लेखक का मत है कि पुलिस या कोई भी अधिकारी तभी सम्माननीय है, जब उसका आचरण विवेकपूर्ण, मर्यादित और मानवीय गरिमा के अनुरूप हो। आलेख का मूल संदेश यह है कि नौकरी अस्थायी है, पर मानवता स्थायी। पद का उद्देश्य दुरुपयोग नहीं, बल्कि जन-विश्वास और सह-अस्तित्व की भावना को सुदृढ़ करना होना चाहिए।
    आलेख के अंत में व्यक्त यह विचार —
    “सहजता तभी सुंदर है, जब वह दूसरों के लिए असहजता का कारण न बने” पूरे आलेख की आत्मा और संदेश का सार है।

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