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December 11, 2024

6 thoughts on “रविवारीय: छठ महापर्व के दौरान बन जाता है एक सपनों का बिहार

  1. छठ महापर्व बिहार की संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो ऊर्जा के स्रोत सूर्य देवता और जीवन को स्थिर व संतुलित बनाने वाली प्रकृति की पूजा के लिए मनाया जाता है। साथ ही यह परिवार और समाज में समरसता के प्रवाह का भी महापर्व है, जो समाज को मजबूत और संगठित बनाता है और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की कामना करता है। मैंने गोरखपुर में शासकीय सेवा के दौरान जिला प्रशासन की टीम के रूप में छठ महापर्व पर तीन से चार दिन की ड्यूटी पर इस पर्व के प्रति लोगों की अपार आस्था व इसकी महत्ता को करीब से अनुभव भी किया है। श्री वर्मा जी ने यथार्थ ही लिखा है कि वर्तमान में छठ महापर्व बिहार तक ही सीमित न रहकर वैश्विक स्तर पर भारतीय संस्कृति की पहचान बन चुका है, जो एक भारतीय होने के नाते हमें हमारी संस्कृति पर गर्व की अनुभूति कराता है।
    छठ महापर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।

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  4. एक बिहारी होने के नाते छठ पर्व की महत्ता का अहसास तो बचपन से हीं रहा है। इस पर्व के द्वारा मानव समाज प्रकृति के प्रति अपनी सहज हार्दिक कृतज्ञता परिलक्षित करता है क्योंकि प्रकृति ने मनुष्य को युगों युगों से बखूबी संपोषित किया है। इस पर्व के सभी पल अति पावन होते हैं जिसमें विशुद्ध प्राकृतिक वस्तुओं का हीं उपयोग किया जाता है । इस पर्व के दौरान पवित्रता का विशेष ध्यान रखा जाता है जिसमें समाज के सभी वर्ग किसी भेदभाव के बिना और स्वेच्छा से , बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं और अपने को गौरवान्वित महसूस करते हैं। . संप्रति,छठ पूजा आयोजन का दायरा निश्चित रूप से पूर्वांचल की सीमा से परे वैश्विक हो चला है । इसकी वजह यह है कि वैश्वीकरण -भूमंडलीकरण ने रोज़गार – व्यवसाय की सीमा को अति विस्तार दी है और बिहारी एवम् पूर्वांचली इस विस्तार के अग्रदूत हैं । वैसे भी मानव जीवन में प्रकृति का महत्व और उसके प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का प्रचलन काल, समय और क्षेत्र से परे है ।
    लेखक, प्रिय मनीष जी को छठ पूजा की सभी मूल बातों से देशी अंदाज में रूबरू कराने के लिए अनेक साधुवाद । सभी मित्रों को छठ पर्व lकी हार्दिक शुभकामनाएं । जय छठी मईया । जय सुरुज देव ।

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